[10/09, 3:52 pm] Bpl Riwa Anand Nishad: पड़ोसी हिंदू देश नेपाल का क्या हश्र हुआ है ये भाजपा RSS अच्छी तरह से देख कर समीक्षा करे
नेपाल हिंदू राष्ट्र होने का मुख्य कारण गरीबी बेरोजगारी महंगाई अत्याचार ही है
नेपाल हिंदू राष्ट्र होने के बाद भी तख्ता पलट क्यों हुआ? उसका कारण क्या है?*
नेपाल में ब्राह्मण प्रधानमंत्री जब से राजतंत्र का खत्मा हुआ लेकिन राजतंत्र अभी जिंदा है राजतंत्र के आड़ में लोकतंत्र के ऊपर सिर्फ ब्राह्मणों का कब्जा आज भी है क्योंकि अभी तक प्रधानमंत्री तो हैं लेकिन घुमा फिरा कर ब्राह्मण ही होता आया है और आज भी है अभी तक नेपाल का संविधान नहीं लिखा गया है ?
लेकिन राजा के अंदर में चुनाव हो रहा है
जब से नेपाल में चुनाव सिस्टम आया है तब से अभी तक
के पी ओली चार बार पीएम बना है
*राष्ट्रपति उप राष्ट्रपति प्रधानमंत्री सेना के सभी पदों पर ठाकुर/क्षत्रिय
कितना जातिवाद है सिर्फ ब्राह्मणों बनियों और क्षत्रियों का कब्जा है
इसलिए बेरोजगारी चरम पर भ्रष्टाचार चरम पर था वहां के दलित समाज पिछड़ा समाज सभी का सिर्फ शोषण किया जा रहा था
वहां के आम लोगों की शोषण हो रहा था इसलिए नौजवान रोजगार के लिए सड़क पर आंदोलन किया 20 लोगों की हत्या किया सुप्रीम कोर्ट में भी वही ब्राह्मणवादी लोग थे इसलिए परिवर्तन के लिए लोग आंदोलन किया है हत्या होने के बाद पीएम राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति सभी का घरों पर कब्जा कर लिया गया है राष्ट्रपति प्रधानमंत्री के सुरक्षाकर्मी ने गोली चलाया 20 लोग मारे जाने के बाद दंगा भड़क गया पीएम राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति सभी के आवास में आग लगा दिया गया ब्राह्मणवाद स्वर्णिम काल से गुजर रहा था लेकिन जनता जनार्दन है पीएम ओली राष्ट्रपति सभी फरार हो गए
तख्ता पलट अभियान अफगानिस्तान से होते हुए श्रीलंका पाकिस्तान बंगलादेश से होते हुए अब नेपाल में तांडव किया तख्ता पलट 9 सितम्बर को हो गया
*आस पास पड़ोसी देश में तख्ता पलट हो चुकी 3
[10/09, 3:53 pm] Bpl Riwa Anand Nishad: *अब उस तख्ता पलट अभियान की आग भारत में होगा जो हो सकता है कई दिनों तक चलेगा पीएम राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति मंत्री सभी का तो हो सकता है उस तख्ता पलट अभियान में यहां जो भाजपा RSS के नेता हैं उनकी कुटाई पिटाई हो सकती है धैर्य रखिए जय निषाद राज जय सम्राट अशोक जय भारत*
[10/09, 3:53 pm] Bpl Riwa Anand Nishad: भारत में तख्ता पलट के बाद संविधान संशोधन हो सकता है दोहरे वोट का अधिकार बहाल हो सकता है जय निषादराज सुरेश निषाद के कलम से