मतदेय स्थलों पर सभी मूलभूत सुविधाएँ हों सुनिश्चित, पुनरीक्षण प्रक्रिया से पहले तय होंगे मतदान केंद्र

निर्वाचन आयोग के मानक अनुसार 16 किमी से अधिक नहीं होगी मतदाता की मतदान दूरी
पारदर्शी व सुगम तरीके से विधान परिषद चुनाव के लिए प्रशासनिक तैयारियां हुई तेज

बागपत, 28 अगस्त 2025 – बागपत कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी अस्मिता लाल की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश विधान परिषद के मेरठ खंड स्नातक एवं शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों से जुड़े मतदेय स्थलों के चयन एवं निर्धारण को लेकर अहम बैठक आयोजित की गई। बैठक में आगामी पुनरीक्षण के दौरान मतदाताओं की संख्या, उनकी सुविधा, मतदेय स्थलों पर उपलब्ध न्यूनतम सुविधाओं तथा निर्वाचन आयोग के मानकों पर विस्तार से चर्चा हुई।
बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि उत्तर प्रदेश विधान परिषद के पाँच खंड स्नातक निर्वाचन क्षेत्र (लखनऊ, मेरठ, आगरा, वाराणसी एवं इलाहाबाद-झांसी) और छह खंड शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र (लखनऊ, मेरठ, आगरा, वाराणसी, बरेली-मुरादाबाद एवं गोरखपुर-फैजाबाद) से निर्वाचित सदस्यों का कार्यकाल 7 दिसम्बर 2026 तक है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 16 के अनुसार, सेवानिवृत्त होने वाले सदस्यों की पदावधि समाप्ति से तीन माह से अधिक पूर्व निर्वाचन की अधिसूचना जारी नहीं की जा सकती।

विधिक प्रावधानों के अनुसार जिस वर्ष इन निर्वाचन क्षेत्रों का चुनाव होना है, उस वर्ष से पूर्ववर्ती वर्ष में निर्वाचक नामावली तैयार कराई जाती है। साथ ही, अधिनियम की धारा 27(6) के अनुसार अर्हता की तिथि उस वर्ष के नवम्बर माह का पहला दिन निर्धारित होगी जिसमें निर्वाचक नामावली की तैयारी अथवा पुनरीक्षण कार्य प्रारम्भ किया जाएगा।
बैठक में यह तथ्य सामने आया कि खंड स्नातक एवं शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों की निर्वाचक नामावलियां भागवार (पार्ट वाइज) तैयार होती हैं, किंतु मतदेय स्थलों का प्रस्ताव निर्वाचन की घोषणा के बाद ही आयोग को भेजा जाता है। इस कारण पूर्व में स्थापित मतदेय स्थलों को ही पुनरीक्षण के दौरान अपनाया जाता रहा है। हालांकि, गत छह वर्षों में जनसंख्या वृद्धि और आधारभूत सुविधाओं के विस्तार के चलते कई स्थानों पर नए मतदेय स्थलों की आवश्यकता महसूस की गई है, किंतु नए केंद्र खोलना कई बार संभव नहीं हो पाता।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि पुनरीक्षण प्रक्रिया से पूर्व ही मतदाताओं की संख्या और सुविधा को ध्यान में रखते हुए राजनीतिक दलों से विमर्श कर मतदेय स्थलों का चयन सुनिश्चित कर लिया जाए। आयोग के मानक के अनुसार किसी भी मतदाता को मतदान हेतु अधिकतम 16 किलोमीटर की दूरी तय करनी होगी, इसलिए मतदेय स्थलों का निर्धारण इस प्रकार किया जाए कि मतदाताओं को न्यूनतम दूरी तय करनी पड़े और सभी स्थानों पर आवश्यक न्यूनतम सुविधाएं उपलब्ध हों।
बैठक में यह भी चर्चा हुई कि स्नातक और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र दोनों में समान मतदाता होने के बावजूद उन्हें अलग-अलग स्थानों पर जाकर मतदान करना पड़ता है, जिससे असुविधा होती है। इस समस्या को दूर करने के लिए मतदेय स्थल समान रखकर पृथक कक्ष निर्धारित करने का निर्णय लिया गया।
रिटर्निंग ऑफिसर के माध्यम से मतदेय स्थलों का प्रस्ताव आयोग को अनुमोदनार्थ भेजा जाएगा। जिलाधिकारी ने सभी निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को निर्देशित किया कि निर्वाचन क्षेत्र में आने वाले सभी जनपदों के साथ बैठक कर मतदेय स्थलों का निर्धारण किया जाए।
बागपत जिले में मेरठ खंड शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के लिए बिनौली, छपरौली, बड़ौत, बागपत, खेकड़ा एवं पिलाना में मतदान केंद्र विकास खंड कार्यालयों में स्थापित किए जाएंगे। बड़ौत के लिए अतिरिक्त मतदान केंद्र नगर पालिका परिषद बड़ौत में भी होगा। इसी प्रकार, मेरठ खंड स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के लिए भी इन्हीं स्थानों पर मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में स्थल समान होंगे, किंतु मतदाताओं की सुविधा के लिए पृथक कक्ष निर्धारित किए जाएंगे।
बैठक के समापन पर जिला निर्वाचन अधिकारी अस्मिता लाल ने कहा कि पारदर्शिता और सुविधा, दोनों को ध्यान में रखते हुए मतदेय स्थलों का चयन समयबद्ध तरीके से पूर्ण किया जाए, ताकि आगामी निर्वाचक नामावली प्रकाशन और निर्वाचन प्रक्रिया सुचारु ढंग से संपन्न हो सके।
बैठक में अपर जिलाधिकारी पंकज वर्मा, आम आदमी पार्टी जिलाध्यक्ष ओमवीर सिंह सेन, लब कश्यप कांग्रेस जिलाध्यक्ष, आशु त्यागी कोषाध्यक्ष, रविंद्र देव जिलाध्यक्ष समाजवादी पार्टी, वेदपाल उपाध्याय भाजपा जिलाध्यक्ष, अमरचंद वर्मा एसडीएम बागपत, निकेत वर्मा एसडीएम खेकड़ा, सवेताभ सिंह तहसीलदार बड़ौत आदि उपस्थित रहे
सूचना विभाग बागपत