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अब बेटियाँ संभालेंगी आंगनबाड़ी की कमान, बाल पोषण और शिक्षा में नई ऊर्जा लाएँगी मुख्य सेविकाएँ

बागपत में महिला शक्ति का उदय, शुचिता और पारदर्शिता से मिली नौकरी, बेटियों का बढ़ा मान

मुख्य सेविकाएँ बनेंगी बच्चों की ‘मां यशोदा’, पोषण और शिक्षा से बच्चों का सँवरेगा भविष्य

बागपत, 27 अगस्त 2025–उत्तर प्रदेश विकास और समृद्धि की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है। “उत्तर प्रदेश बन रहा उत्तम प्रदेश” का संकल्प अब जमीनी स्तर पर दिखाई दे रहा है। जहाँ पहले योजनाएँ नहीं पहुँचती थीं, वहाँ अब नौकरी और अवसर पहुँच रहे हैं। प्रदेश में बेटियों की भागीदारी और महिला सशक्तिकरण की मिसाल लगातार मजबूत हो रही है।

आज कलेक्ट्रेट सभागार बागपत में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा लखनऊ लोकभवन में आयोजित नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम का लाइव प्रसारण हुआ। प्रदेशभर की 2,425 मुख्य सेविकाओं और 12फार्मासिस्टों को नियुक्ति पत्र सौंपे गए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर कहा कि आंगनबाड़ी में मुख्य सेविकाओं की जिम्मेदारी मां यशोदा की तरह है। जिस प्रकार मां यशोदा ने श्रीकृष्ण का पालन-पोषण किया, उसी तरह मुख्य सेविकाएँ बच्चों की देखरेख करेंगी।

मुख्यमंत्री ने पारदर्शी चयन प्रक्रिया को रेखांकित करते हुए कहा कि अब जाति या जिले को देखकर नियुक्ति नहीं होती, बल्कि पूर्ण शुचिता और पारदर्शिता से चयन किया जाता है। उन्होंने उदाहरण दिया कि लखीमपुर खीरी की थारो जनजाति की दो बेटियों का चयन हुआ, जो प्रक्रिया की ईमानदारी का प्रमाण है। सीएम योगी ने कहा कि जब अभ्यर्थी ईमानदारी से काम करेंगे और परिश्रम करेंगे तो सफलता निश्चित होगी।

जनपद बागपत की 10 मुख्य सेविकाएँ भी कलेक्ट्रेट सभागार में इस गौरव का हिस्सा बनीं। इनमें पुसार से निशु पुत्री धर्मपाल सिंह, ढिकौली से प्रीति पंवार पुत्री ब्रजपाल सिंह, जौनमाना से टीनु पुत्री प्रमोद कुमार, दोघट से आरती पंवार पुत्री प्रह्लाद पँवार, पूरनपुर नवादा से अंजना शर्मा पुत्री मुकेश शर्मा, बड़ौत से बबीता कुमारी पुत्री प्रदीप राणा, ढिकाना से रिचा पुत्री सत्यवीर सिंह, दोघट से आंचल पुत्री सुदेशपाल, गांगनौली से सोनू पुत्री कृष्णपाल सिंह, चमरावल से सरिता पुत्री कृष्णपाल और बड़ौत से रीना पुत्री पीतम सिंह शामिल हैं। कार्यक्रम में पूरे कलेक्ट्रेट सभागार में तालियों की गड़गड़ाहट से उनका स्वागत किया गया।

बागपत जिले में वर्तमान में 1,338 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। इनमें से 23 का नवनिर्माण हो चुका है और 15 नए केंद्रों के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। जिले में 24 स्कूलों में बाल वाटिका भी संचालित हैं। हाल ही में उत्तर प्रदेश में 19,424 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की भर्ती हुई, जिनमें 129 बागपत में नियुक्त हुई हैं। जिले में 945 आंगनबाड़ी कार्यरत हैं। 42 मुख्य सेविकाओं के सापेक्ष अभी 7 कार्यरत थीं, अब बागपत जनपद में11 का चयन हुआ है। इनमें से 10 को नियुक्ति पत्र मिल गए, जबकि ITBP में कार्यरत आंचल को छुट्टी न मिलने के कारण नियुक्ति पत्र समारोह में नहीं आ सकी ।

प्रदेशभर में हाल ही में 12,043 बेटियाँ उत्तर प्रदेश पुलिस में भर्ती हुई हैं। अब तक कुल 40,000 से अधिक बेटियाँ पुलिस बल में शामिल होकर सुरक्षा क्षेत्र में अहम योगदान दे रही हैं। प्रदेश में 14,535 आंगनबाड़ी केंद्रों का पुनरोद्धार किया गया है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत अब तक 26 लाख बालिकाओं को 600 करोड़ रुपये से अधिक का लाभ दिया गया है। साथ ही 37 लाख महिलाओं को पेंशन दी जा रही है।

जिलाधिकारी अस्मिता लाल ने नई मुख्य सेविकाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि वे अपने कार्य को पूरी निष्ठा और सेवा भावना से करें। बच्चों की देखभाल और माताओं के मार्गदर्शन में संवेदनशीलता और जिम्मेदारी ही उनकी सबसे बड़ी पहचान बनेगी। यह अवसर केवल नौकरी पाने का साधन नहीं बल्कि समाज सेवा और राष्ट्र निर्माण का संकल्प है। चयनित मुख्य सेविकाओं की यह सफलता गाँव-गाँव तक यह संदेश पहुँचा रही है कि नारी शक्ति किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर सकती हैं।

मिशन रोजगार के तहत सरकार पारदर्शी और शुचितापूर्ण चयन कर रही है। युवाओं को अवसर देने से न केवल उनका भविष्य उज्ज्वल होगा, बल्कि सशक्त “उत्तम प्रदेश” बनाने का संकल्प भी पूरा होगा। प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि 01 से 03 वर्ष के बच्चों को आंगनवाड़ी से जोड़ा जा रहा है और 03 से 06 वर्ष तक पोषण मिशन के तहत बाल वाटिका से जोड़ कर सेवाएँ उपलब्ध हों। आंगनबाड़ी केंद्र अब केवल पोषण का ही नहीं बल्कि शिक्षा और समाजिक जागरूकता का केंद्र भी बनेंगे।

बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग में मुख्य सेविकाओं के जुड़ने से पोषण अभियान, मातृ-शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम, महिला सशक्तिकरण योजनाएँ और प्रारम्भिक शिक्षा संबंधी गतिविधियाँ और अधिक प्रभावी होंगी। हर गाँव में आंगनबाड़ी केंद्रों पर इनकी सक्रियता से न केवल बच्चों की कुपोषण दर में कमी आएगी, बल्कि महिलाओं में स्वास्थ्य और पोषण के प्रति जागरूकता का नया वातावरण भी तैयार होगा।

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी नीरज कुमार श्रीवास्तव, परियोजना निदेशक राहुल वर्मा,जिला कार्यक्रम अधिकारी नागेंद्र मिश्रा सहित आदि उपस्थित रहे।

सूचना विभाग बागपत

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