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कही भी वॉटर प्लांट शुरू करने के लिए सबसे पहले आपको प्रशासन से लाइसेंस लेना होगा, फिर पानी की गुणवत्ता (TDS) की जाँच करनी होगी। इसके बाद, आपको एक जगह चुननी होगी और अपनी क्षमता के अनुसार एक वॉटर प्यूरीफायर मशीन जैसे आरओ मशीन भी खरीदनी होगी। साथ ही, स्टोरेज टैंक, भरने वाली मशीन और अन्य आवश्यक उपकरण भी चाहिए।
प्रारंभिक योजना और कानूनी प्रक्रिया

लाइसेंस और अनुमति: वॉटर प्लांट शुरू करने के लिए सबसे पहले आवश्यक लाइसेंस और अनुमति प्राप्त करें।
बाजार अनुसंधान: अपने लक्षित क्षेत्र का बाजार अनुसंधान करें, मांग और प्रतिस्पर्धा का विश्लेषण करें।
पानी की जाँच: अपने स्रोत के पानी की टीडीएस और खनिज सामग्री की जाँच करें, क्योंकि यह आपके प्लांट के डिजाइन और क्षमता को प्रभावित करेगा।

स्थान और उपकरण

स्थान: एक उपयुक्त स्थान चुनें जो आपके लक्षित बाजार तक आसानी से पहुँच प्रदान करता हो और जहाँ पर्याप्त जल और बिजली के स्रोत हों। एक छोटे प्लांट के लिए लगभग 1000 वर्ग फुट की जगह पर्याप्त हो सकती है।

उपकरण:

पानी को प्यूरीफाई करने के लिए मिनरल वाटर/आरओ मशीन {शुरुआती क्षमता 500-1000 लीटर प्रति घंटा एक अच्छा विकल्प है}।
स्टोरेज टैंक।
डिस्पेंसर और फिलिंग मशीन।
वॉटर स्टेबलाइजर।
कन्वेयर और सीलिंग मशीन (पैकेजिंग के लिए)।
बिजली की आपूर्ति के लिए जेनरेटर (यदि आवश्यक हो)।
बोतलें और जार।
माल के वितरण के लिए एक वाहन।

आवश्यक वितरण:
अपने उत्पादों को वितरित करने के लिए एक योजना बनाएं। आप घरों, स्कूलों, अस्पतालों, होटलों और बाजारों में सीधे वितरण कर सकते हैं।
मार्केटिंग: अपने उत्पादों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए विजिटिंग कार्ड या लीफलेट छपवाएं और दुकानों और घरों में वितरित करें।
आप इस वीडियो में वॉटर प्लांट बिजनेस के लिए मार्केटिंग और बिक्री की रणनीतियाँ देख सकते हैं।

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