राष्ट्रीय महाधिवेशन में उपस्थित तमाम स्वजातीय भाई, बहनो, माताओं, समाजसेवी सभी का हार्दिक स्वागत है, अभिनंदन है। अखिल भारतीय कहार, भोई, कश्यप, चंद्रवंशी, निषाद, धीवर, केवट, मल्लाह, तत्सम जातियों – उपजातियों का आज शिरडी में महा अधिवेशन संपन्न हो रहा है। इस अधिवेशन में भारत के हर राज्य से प्रतिनिधि आज उपस्थित है , अपने समाज की सामाजिक, शैक्षणिक, सांस्कृतिक और आर्थिक परिस्थिति को सुधारने के लिए इस अधिवेशन में चर्चा की जाएगी। इस अधिवेशन में समाज के सामाजिक और राजकीय आरक्षण और समाज के सुशिक्षित और अशिक्षित के लिए रोजगार उपलब्धि के बारे में, भारत के सभी मछुआरों के प्रश्न , सामाजिक एकता और अखंडता तथा समाज की उन्नति के लिए, उत्थान के लिए, शादी ब्याह, रोटी- बेटी व्यवहार जैसे सामाजिक विषयों पर चर्चा की जाएगी और हमारी समस्याओं का समाधान हेतु सरकार का ध्यान आकर्षित किया जाएगा। यह अधिवेशन पूरी तरह से गैर राजनीतिक है। मुझे विश्वास है इस मंच से कोई भी किसी भी पॉलिटिकल पार्टी की बात नहीं करेगा। यह अधिवेशन सफल बनाने के लिए सभी ने प्रयास किया है मै सभी का धन्यवाद, हार्दिक आभार व्यक्त करता हु।
इस अधिवेशन का आयोजन ग्लोबल कहार समाज चैरिटेबल ट्रस्ट भारत के साथ साथ भारत देश के सभी समाजसेवक, सभी संगठन और सभी संस्थाओं के प्रतिनिधि है, मुझे आशा है कि इस कार्यक्रम को हम सब मिलकर सफल एवं सार्थक बनाने के लिए सभी का सहयोग रहेगा। इस अधिवेशन को सफल बनाने के लिए सभी ने आर्थिक सहयोग आर्थिक मदद की है उन सभी का मै दिल से धन्यवाद हार्दिक आभार व्यक्त करता हु। इस अधिवेशन में सभी को बात करने का, अपने प्रश्न रखने का मौका दिया जायेगा ,मेरी सभी से यह विनती रहेगी की सभी को अपनी बात, प्रश्न, मानोगत कम से कम वक्त में व्यक्त करना होगा ताकि सभी को बात करने का मौका मिले।
मैं आरक्षण के बारे में हर राज्य की आज की क्या स्थिति है यह सभी को अवगत कराना चाहता हु।
कहार, केवट, मल्लाह, भोई जलकेवट, गौर, गोंड, खरवार, किर, मेहरा जातियों को अभितक एस सी का आरक्षण मिला है.
१. त्रिपुरा राज्य में= कहार, केवट और गौर जाती के नाम से एस सी आरक्षण मिला है।
२. उड़ीसा में= भोई को
३. वेस्ट बंगाल में = केवट, मल्लाह और रवानी को
४. आसाम में= जलकेवट को
५. दिल्ली में= मल्लाह को
६. उत्तरप्रदेश में = गोंड और खरवार को
७. छत्तीसगढ़ में = मेहरा को
८. हिमाचल प्रदेश में= किर को
९. मिज़ोराम में = जलकेवट को
- उत्तराखंड में = गोंड, खरवार और मझवार को
- मध्यप्रदेश में = मेहरा को
- मेघालय में = जलकेवट को
अभी तक १२ राज्यों में एस सी आरक्षण मिला है.
भारत में ११ राज्यों में एस टी का आरक्षण गोंड, खरवार, मझवार, धुरिया को दिया गया है और फिलहाल माझी का आरक्षण मध्यप्रदेश से हटाया गया है इस पर स्टे लगाया गया है।
१.आंध्रप्रदेश में: गोंड को एस टी का आरक्षण दिया है
- बिहार में भी: गोंड और खरवार को
- छत्तीसगढ़में भी: गोंड और मज़वार को
- गुजरात में भी: गोंड को
- झारखंड में भी: गोंड और खरवार को
- कर्नाटक में भी: गोंड को
- मध्यप्रदेश में भी: गोंड, और मजवार , माझी को ( अभी हटाया गया)
- महाराष्ट्र में गोंड को
- उड़ीसा में भी: गोंड को
- उत्तरप्रदेश में भी: गोंड, धुरिया, और खरवार को
- वेस्ट बंगाल में भी: गोंड, और खरवार को एस टी का आरक्षण दिया गया है।
मेरा सवाल यह है कि भारत देश में हर राज्य के लिए एक ही संविधान है, एक ही कानून है फिर आरक्षण में पूरे भारत में एक ही जाती को ही राज्य में अलग अलग आरक्षण क्यों है??? वन नेशन वन कॉन्स्टिट्यूशन है फिर वन कास्ट वन रिजर्वेशन क्यों नहीं है??? इस बात पर सभी को सोचना है और एक मत दे निर्णय लेना है? एस सी या एस टी??? आगे की रणनीति बनानी होगी, अब वक्त आ चुका है, हमें अब यह लड़ाई तन मन धन से रस्ते पर उतर कर लड़नी होगी एक बड़ा जन आंदोलन दिल्ली में जंतर मंतर मैदान में शांतता पूर्ण जनांदोलन को छेड़ना होगा और सरकार का ध्यान आकर्षित करना होगा। जागो भाइयों जागो।
आरक्षण के लिए लड़ने से पहले खूब तुमको पढ़ना होगा,
अपने आरक्षण, हक अधिकारों के लिए लड़ना होगा।
सरकार संविधान को तोड़कर, बेवजह के बनाते हैं नियम और हर राज्यों में एक ही जाती को देती है अलग अलग आरक्षण,
प्रचार प्रसार करने मे दिखाती जूनून।
गिरगिट हैं वो सरकारें,
वास्तविक रंग दिखाना पड़ेगा
अपने आरक्षण, हक अधिकारों के लिए लड़ना होगा।
लड़ी थी महिलाओं के लिए माता सावित्री बाई फूले
मानसिकता से हीन, तुच्छ फेंके थे कीचड़, गोबर ऊबले।
सावित्री जी ने महिलाओं के लिए ,पहला स्कूल खोला
समाज मे नारी शिक्षा के लिए भड़काया एक शोला।
महिलाओं को भी उच्च शिखर पर चढ़ना ही पड़ेगा
अपने आरक्षण, हक अधिकारों के लिए लड़ना होगा।
लड़े थे रुढ़िवादियों से बाबा भीमराव अंबेडकर,हमें संविधान देकर
बदला छे सौ साल का इतिहास, लोग नमन करते कर जोड़कर।
थे समाज से बहिस्कृत जो, सूची बद्ध किया
दे के संविधान मे नई पहचान सर उठा के चलना सिखा दिया।
लाना है नई क्रांति रूढ़िवादी सोच को बदलना पड़ेगा
अपने आरक्षण हक अधिकारों के लिए लड़ना होगा। अगर ऐसे ही बने रहोगे मूक
होगी यह सबसे बड़ी चूक।
समय रहते जागो और सबको जगाना पड़ेगा,
अपने आरक्षण हक अधिकारों के लिए लड़ना ही होगा। दिल्ली में हमें महा जनांदोलन करना ही होगा! दिल्ली में हमें महा जनांदोलन करना ही होगा!!
और एक बार सभी का मै हार्दिक स्वागत करता हु अभिनंदन करता हु।
जय हिंद, जय भारत, जय कहार, जय केवट, जय भोई, जय निषाद, जय मछुआ, जय किर, जय मेहरा, जय हो १०० से भी अधिक जाती/ उपजातियों की।