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श्यामलाल निषाद की रणनीति ने तोड़ी पुलिस की चुप्पी, FIR दर्ज, वीडियो से होगी पहचान

Viral सुलतानपुर। जिले के धनपतगंज थानाक्षेत्र के समरथपुर के बेसिक शिक्षक ओम प्रकाश का अपमान हुआ। उन्हें जबरन नाक रगड़वाकर बेइज्जत किया गया, लेकिन पुलिस-प्रशासन डेढ़ महीने तक आंख मूंदे बैठा रहा। आरोपियों को बचाने में जुटा तंत्र न तो FIR दर्ज कर पाया, न ही पीड़ित को बहाल किया।
हालात तब बदले जब मोस्ट कल्याण संस्थान मैदान में उतरा। संगठन श्यामलाल निषाद गुरूजी और रिटायर्ड नेवी ऑफिसर राम उजागिर यादव के नेतृत्व में तिकोनिया पार्क में तीन दिन तक डटे सत्याग्रहियों ने प्रशासन की नींद उड़ा दी। नारे गूंजे— “सम्मान नहीं तो आंदोलन” और “शिक्षक का अपमान, नहीं सहेगा हिन्दुस्तान”। लगातार जनदबाव, मीडिया की निगाह और मोस्ट के संघर्ष के आगे गुरुवार को प्रशासन ने घुटने टेक दिए। बीएसए का लिखित कथन सौंपा गया, जिसमें बहाली और आरोपियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया गया। साथ ही पुलिस ने अज्ञात में मुकदमा दर्ज कर वायरल वीडियो से पहचान की प्रक्रिया शुरू कर दी। मोस्ट नेताओं ने चेताया “यह तो बस शुरुआत है। अगर वादे पूरे न हुए तो आंदोलन और भी उग्र होगा।” आज जनपद में चर्चा का विषय यही है मोस्ट का संघर्ष और श्यामलाल निषाद की रणनीति ने पुलिस को मजबूर कर दिया।

राजेश भीम (अम्बेकरवादी चिंतक)
मो.9648141548

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