डा जोगेंद्र नाथ मंडल जी ना होते तो डा अंबेडकर का आता पता नहीं होता?लेकिन ब्राह्मणबादी व्यवस्था ने डा जोगेंद्र नाथ मंडल जी का त्याग और देश के लिए किया गया संघर्ष को भूला दिया हैडा जोगेंद्र नाथ मंडल जी जिसके लिए त्याग कर के अपनी जीता हुआ संविधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से इस्तीफा दे कर डा अंबेडकर को पुनः जितवा कर संविधान लिखने के लिए संविधान सभा निर्वाचन क्षेत्र खुलना जैसोर से सुभाष चंद्र बोस के बड़े भाई शरदचंद्र बोस को हरा कर डा अंबेडकर को जितवा कर संविधान लिखने के लिए दिल्ली भेजे थे वहीं डा अंबेडकर ने भी डा जोगेंद्र नाथ मंडल को अपने द्वारा लिखा गया किसी भी किताब या तत्कालीन दैनिक पत्रिका मूक नायक या अश्व घोष में भी एक शब्द नहीं लिखे थे या हैं इतने महान कार्य को धन्यवाद भी नहीं दिए थे डा जोगेंद्र नाथ मंडल के त्याग तपस्या और संघर्ष से डा अंबेडकर जी अंबेडकर हो गएडा अंबेडकर का यहशानफरामोशी स्पष्ट दिख रहा हैडा जोगेंद्र नाथ मंडल जी चाहते तो भारत का संविधान लिख सकते थे क्योंकि वांछित योग्यता उन्होंने गांधी जी के कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़ कर हासिल किए थेसंविधान लिखने के लिए वांछित योग्यता1 सविधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित होना चाहिएजो डा जोगेंद्र नाथ मंडल जी ने हासिल किए थेडा अंबेडकर जी संविधान सभा निर्वाचन क्षेत्र पश्चिम मुम्बई से 22 अप्रैल 1946 को कांग्रेस प्रत्याशी काचोलकर से हार गए थे इसलिए संविधान लिखने की योग्यता नहीं थाइतना महान कार्य का सराहना करना तो दूर की बात है डा अंबेडकर ने अपने किसी भी किताब में एक शब्द चर्चा भी नहीं कीजब डा अंबेडकर संविधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से हार गए थे तो नेहरू जी ने व्यंग्यात्मक बयान दिए थे की डा अंबेडकर के लिए संविधान सभा में आने के लिए रोशनदान तक बंद हो गया है अब संविधान कैसे लिखेंगे?डा अंबेडकर जब संविधान सभा निर्वाचन क्षेत्र मुम्बई से हार गए थे तो दुखी मन से तत्कालीन गवर्नर जेनरल लार्ड वेवेल से मिल कर अपनी व्यथा से बोले थे अब संविधान कैसे लिखा जाएगा उस वक्त लार्ड वेवेल ने डा अंबेडकर को को सलाह दिया था की देश बंटवारा का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया गया है अब देश की सीमाओं का परिसीमन हो रहा है डा जोगेंद्र नाथ मंडल जी का संविधान सभा निर्वाचन क्षेत्र खुलना जैसोर पूर्वी पाकिस्तान में चला गया है यह बात सुन कर डा अंबेडकर को उम्मीद की किरण जग गयाडा अंबेडकर जी डा जोगेंद्र नाथ मंडल जी के यहां खुलना जैसोर गए उनसे मिले और रो कर अपनी दुखड़ा सुनाए थे की गांधी जी ने साजिश के तहत मुझे संविधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से अपना कांग्रेस प्रत्याशी खड़ा कर के मुझे हरा दिया हैअब मैं संविधान कैसे लिखूंगा?डा जोगेंद्र नाथ मंडल जी ने धैर्य से बाते सुने अगर चाहते तो डा अंबेडकर के प्रस्ताव को ठुकड़ा सकते थेक्योंकि डा जोगेंद्र नाथ मंडल जी का ननिहाल बंगाल के नदिया जिला में थाडा अंबेडकर जी डा जोगेंद्र नाथ मंडल जी के यहां एक माह तक रहे डा जोगेंद्र नाथ मंडल ने डा अंबेडकर को बोले थे की अगर तुम 24 सितम्बर 32 को कम्युनल अवॉर्ड दोहरे मताधिकार अधिनियम कानून को अकेले पूना पेक्ट के द्वारा खत्म नहीं किए होते तो आज गांधी तुम्हे संविधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार खड़ा करने की हिमाकत नहीं करतापूना पेक्ट सविता मालवीय व गांधी के दवाब में करके 90 प्रतिशत भारतीयों को आजादी से पहले गुलाम बना दिए होसाइमन कमिशन ने 90 प्रतिशत भारतीयों को राजनैतिक आरक्षण लागू कर के भारतीयों तकदीर बदलने के लिए कानून दे दिया था जिसे तुम पूना पेक्ट करके 90 प्रतिशत लोगों से विश्वासघात किए थे जिसे अब प्रायश्चित करने का एक मौका दे रहा हूंडा जोगेंद्र नाथ मंडल (निषाद) जी ने 24 जून 46 को खुलना जैसोर संविधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से इस्तीफा दे कर पुनः उसी सीट से डा अंबेडकर को दुबारा चुनाव लड़वा कर कांग्रेस प्रत्याशी शरतचंद्र बोस को हरवा कर संविधान लिखने दिल्ली भेज दिया थाडा जोगेंद्र नाथ मंडल (निषाद) जी ने डा अंबेडकर से शर्त रखे थे की जब आप जीत कर संविधान लिखने के लिए दिल्ली जाओगे और संविधान लिखो तो उसमें दोहरे मत का अधिकार लिख देना हम 90 प्रतिशत लोग मनुवाद से आजाद हो जाएंगेतुम्हारे द्वारा लिखे गए संविधान जब देश के नाम समर्पित करोगे तो मुझे दिखावा देनाजब डा अंबेडकर जी देश का संविधान 2वर्ष 11 महीना 18 दिन में लिख दिए तो संविधान को देश के नाम समर्पित करने के लिए 26 जनवरी 50 का दिन तय हुआ था तो डा जोगेंद्र नाथ मंडल (निषाद) जी ने लाहौर से डा अंबेडकर को खत लिखे थे की मै 15 जनवरी 50 को दिल्ली स्थित पाकिस्तान दूतावास आ रहा हूं लिखे हुए संविधान देखने व पढ़ने के लिए क्योंकि डा जोगेंद्र नाथ मंडल ने पाकिस्तान का संविधान लिखे थे वे लाहौर से दिल्ली 15 जनवरी 50 को भारत आए देश के संविधान पढ़ने के लिए पाकिस्तान दूतावास में 15 जनवरी से 23 जनवरी 50 तक रहे लेकिन डा अंबेडकर उनके आने से पहले 14 जनवरी 50 को ही अहमदाबाद के सावारमती आश्रम में चुपके से चले गए थेडा जोगेंद्र नाथ मंडल जी डा अंबेडकर जी का इंतजार दिल्ली स्थित पाकिस्तान दूतावास में करते रहे लेकिन जब उनसे मुलाकात नहीं हुआ तो डा अंबेडकर के निजी सहायक नानक चंद रातु को एक “”धोखा”” नाम से शीर्षक से पत्र लिख कर डा अंबेडकर को देने के लिए बोल कर 23 जनवरी 50 को वापस लाहौर पाकिस्तान चले गएडा जोगेंद्र नाथ मंडल पाकिस्तान का संविधान लिखे पहली कानून मंत्री रहे उन्होंने ने पाकिस्तान में सामाजिक परिवर्तन का काम किया था 8 अक्टूबर 1951 को जिन्ना से अनबन होने के बाद अपना इस्तीफा देकर देकर भारत कलकत्ता चले आए थे, डा जोगेंद्र नाथ मंडल (निषाद) जी ने अपने पत्र धोखा के नाम से लिखे हैं की पूना पेक्ट गांधी अंबेडकर और सविता मालवीय के बीच त्रिकोण के विच 90 प्रतिशत भारतीयों को गुलाम बनाने का सौदेबाज़ी का समझौता था

subhashchand4

Bysubhashchand4

Sep 14, 2025
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  • डा अंबेडकर ने पूना पेक्ट करके संविधान लिखने के पहले ही संविधान की आत्मा निकलने का समझौता किया था जो जघन्य अपराध था
  • जय निषाद राज जय सम्राट अशोक जय भारत साहब आनंद निषाद जी जिंदाबाद सुरेश निषाद के कलम से

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