राष्ट्रीय सेवा भारती जनपद संभल के अध्यक्ष की ओर से एस. एम. कॉलेज, चंदौसी के प्रबंधन तंत्र के संबंध में शिकायत की गई थी
राष्ट्रीय सेवा भारती जनपद संभल द्वारा की गई शिकायत पर हुई जांच में सभी आरोप सत्य पाए गए
एस. एम. कॉलेज, चंदौसी के आयोग चयनित प्राचार्य जिन्हें प्रबंधतंत्र द्वारा निलंबित/बर्खास्त कर दिया गया था। इसी के साथ डॉ प्रवीण कुमार को भी प्रबंधतंत्र द्वारा निलंबित/बर्खास्त कर दिया गया था। इसके अलावा बीएड विभाग में कार्यरत डॉक्टर गीता शर्मा को भी प्रबंध तंत्र द्वारा सीधे बर्खास्त कर दिया गया था। किंतु उत्तर प्रदेश शासन एवं उच्च शिक्षा विभाग के आदेश पर गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय, मुरादाबाद द्वारा की गई अपनी जांच/सुनवाई में तीनों को बहाल कर दिया गया। इसके बाद भी प्रबंधतंत्र द्वारा आयोग चयनित प्राचार्य एवं डॉ प्रवीण कुमार को महाविद्यालय में प्रवेश से वर्जित करते हुए इन्हें अपने कर्तव्यों की पूर्ति करने में प्रबंधतंत्र द्वारा बाधा उत्पन्न की जा रही थी। उच्च शिक्षा विभाग के आदेश-निर्देश के बाद भी तीनों को नियमानुसार वेतन, भत्ते आदि का भी भुगतान नहीं किया जा रहा है।
यह विवाद इतना गहरा गया कि आयोग चयनित प्राचार्य प्रोफेसर डॉक्टर दानवीर सिंह यादव ने विश्वविद्यालय की कुल सचिव के आदेश पर कॉलेज के प्रबंधतंत्र द्वारा महाविद्यालय की संपत्तियों को खुर्द-बुर्द करने, दुकानों के भारी भरकम पैसा वसूल करके महाविद्यालय में कोई हिसाब जमा न करने, आदि के आधार पर एफआईआर करने के लिए तहरीर दी गई थी।
दर्ज कराई गई एफआईआर में दिए गए विवरण के अनुसार एस. एम. कॉलेज, चंदौसी, जनपद संभल के प्राचार्य प्रोफेसर डॉक्टर दानवीर सिंह यादव ने पुलिस अधीक्षक जनपद संभल को एक प्रार्थना पत्र दिया। इसमें बताया गया कि अध्यक्ष राष्ट्रीय सेवा भारतीय संभल द्वारा एस. एम. कॉलेज, चंदौसी, जनपद-संभल के प्रबंधतंत्र द्वारा महाविद्यालय की भूमि अवैधानिक रूप से विक्रय विषयक शिकायत के संदर्भ में एक शिकायती प्रार्थना पत्र गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय, मुरादाबाद को दिया गया। अतः प्रकरण में जांच करने के पश्चात समस्त तथ्य विश्वविद्यालय के संज्ञान में आए। विश्वविद्यालय के कुल सचिव द्वारा एक लिखित आदेश प्राप्त हुआ कि एस. एम. कॉलेज, चंदौसी, जनपद-संभल में प्रबंधतंत्र द्वारा की गई अवैधानिक गतिविधियों की जांच के पश्चात आई रिपोर्ट पर दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध सुसंगत धाराओं में विधिक कार्रवाई किए जाने हेतु प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करें।
प्रबंध समिति के पदेन सदस्य प्राचार्य डॉक्टर दानवीर सिंह यादव की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर में बताया गया कि एस. एम. कॉलेज, चंदौसी, जनपद संभल के प्रबंधतंत्र द्वारा झूठे तथ्यों के आधार पर एक अलग श्यामसुंदर मेमोरियल कॉलेज समिति चंदौसी नाम से बनाकर एस. एम. कॉलेज, चंदौसी, जनपद संभल के समस्त भूमियों को निजी लाभ के लिए हस्तांतरित कर दिया गया। श्याम सुंदर मेमोरियल कॉलेज समिति, चंदौसी को श्यामसुंदर मेमोरियल कॉलेज की अन्य भूमि पर क्षेत्राधिकार प्रदान कर दिया गया है, जबकि श्यामसुंदर मेमोरियल कॉलेज चंदौसी के द्वारा भूमि को समिति के नाम अंतरण किए जाने का कोई विधिक अधिकार प्राप्त नहीं है। इसी प्रकार से पृथक प्रबंधन के अंतर्गत लॉ कॉलेज स्थापित कर दिया गया है। जांच में भूमि के विक्रय तथा अन्य को अंतरित करने के साक्ष्य मिले हैं।
इसी प्रकार एस. एम. कॉलेज, चंदौसी, जनपद-संभल के सड़क किनारे बनी हुई दुकानें हैं। उन दुकानों में भारी भरकम पैसा वसूल करके प्रबंध तंत्र द्वारा दुकान किराए पर दिए जाने की बात कही गई है जिसका एस. एम. कॉलेज, चंदौसी महाविद्यालय में कोई हिसाब लिखित तथ्यों के आधार पर नहीं है।
सरकारी अधिकारियों द्वारा की गई जांच में समस्त तथ्य सत्य पाए गए।
यह भी आरोप लगाया गया है कि आयोग से आए हुए सभी प्राचार्य को कार्यकाल पूर्ण होने से पूर्व ही पद छोड़ने को मजबूर कर दिया गया है। जिसमें डॉक्टर वीरेंद्र सिंह, डॉक्टर लाल बहादुर रावल, डॉक्टर बकुल बंसल, डॉक्टर एके गुप्ता तथा वर्तमान में डॉक्टर दानवीर सिंह यादव आदि शामिल है।
बताया गया की प्रथम दृष्टि या एसएम कॉलेज चंदौसी जनपद संभल के समस्त हस्तांतरित की गई संपत्ति श्याम सुंदर मेमोरियल कॉलेज समिति चंदौसी के विरुद्ध समस्त प्रबंधतंत्र के खिलाफ झूठे तथ्यों के आधार पर बिना किसी आधार पर संपत्ति विक्रय करना, हस्तांतरित करना, दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
इसके अलावा यह भी आरोप लगाया गया है कि डॉक्टर दानवीर सिंह यादव प्राचार्य, डॉ प्रवीण कुमार प्रोफेसर के विरुद्ध साजिश करके झूठी एफ आई आर संख्या 0062/2025 एवं अन्य रिपोर्ट दर्ज करने, लैंगिक उत्पीड़न एवं आंतरिक परिवाद समिति द्वारा प्रबंधतंत्र के साथ हमसाज होकर झूठी रिपोर्ट देकर दोषी घोषित करने व प्रबंधतंत्र से हमसाज होकर फर्जी तथ्यों के आधार पर निलंबित/बर्खास्त कराए जाने में समस्त पदाधिकारी एवं सदस्य प्रबंधतंत्र एस. एम. कॉलेज, चंदौसी, श्यामसुंदर मेमोरियल कॉलेज समिति, चंदौसी तथा लैंगिक उत्पीड़न उत्पीड़न एवं आंतरिक परिवाद समिति के सभी सदस्य अन्य अज्ञात के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कर कानूनी कार्रवाई किये जाने की प्रार्थना की गई है।
राष्ट्रीय सेवा भारती द्वारा इन्हें की गई थी शिकायत
1- प्रधानमंत्री, भारत सरकार, दिल्ली।
2- मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार, लखनऊ।
3- कुलपति, गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय, मुरादाबाद।
इनके द्वारा की गई जांच
राष्ट्रीय सेवा भारती की उपरोक्त शिकायतों के आधार पर निम्नलिखित को जांच करने के लिए आदेशित किया गया था –
1- उप जिलाधिकारी, चंदौसी
2- तहसीलदार, चंदौसी।
प्रमुख आरोप
1- बिना किसी विधिक आधार के झूठे तथ्यों के आधार महाविद्यालय की संपत्ति का विक्रय करना।
2- बिना किसी विधिक आधार के झूठे तथ्यों के आधार महाविद्यालय की संपत्ति अन्य को हस्तांतरित करना।
3- साजिश एवं षड्यंत्र रचकर प्राचार्य डॉ. दानवीर सिंह यादव एवं प्रोफेसर डॉ. प्रवीण कुमार के खिलाफ बार-बार झूठी रिपोर्ट दर्ज कराना।
4-प्रबंध तंत्र से हमसाज होकर फर्जी तथ्यों के आधार पर निलंबित/बर्खास्त कराया जाना।
5- प्रबंधतंत्र से हम साज होकर प्राचार्य डॉ. दानवीर सिंह यादव एवं डॉक्टर प्रवीण कुमार के खिलाफ लैंगिक उत्पीड़न एवं आंतरिक परिवाद समिति द्वारा झूठी रिपोर्ट देना। बिना जांच के ही डॉ. प्रवीण कुमार एवं प्रोफेसर दानवीर सिंह यादव को दोषी करार देने का आरोप इस समिति के ऊपर है। बिना जांच दी गई इस रिपोर्ट के आधार पर ही प्रबंधतंत्र द्वारा दोनों प्रवीण और दानवीर के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
क्या है हकीकत?
महाविद्यालय से जुड़े भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि एस. एम. कॉलेज, चंदौसी जनपद-संभल प्रकरण में मामला बिल्कुल सीधा सा है। इस महाविद्यालय के प्रबंध तंत्र द्वारा महाविद्यालय की संपत्ति को खुर्द-बुर्द करने, विभिन्न प्रशासनिक एवं वित्तीय अनियमितताओं को बिना किसी रोक-टोक के जारी रखने के लिए महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. दानवीर सिंह यादव बाधा बने हुए थे, जिस कारण से उन्हें महाविद्यालय से भगाने के लिए उनके खिलाफ कॉलेज प्रबंधन तंत्र द्वारा साजिश एवं षड्यंत्र रचा गया। इस साजिश एवं षड्यंत्र में श्रीमती मीनाक्षी सागर को प्रमुख भूमिका दी गई। जिसके तहत उनसे अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम, उत्पीड़न, चरित्र हनन एवं वित्तीय अनियमितताओं तथा बलात्कार के झूठे आरोप लगवाए गए। प्राचार्य के खिलाफ कुछ स्टाफ से लिखित में बयान लेने के लिए डॉ. प्रवीण कुमार, जिससे प्रबंधतंत्र कार्यभार ग्रहण करने से पूर्व भी रंजिश रखता है और लगातार उत्पीड़न करता आ रहा है, का नाम भी इन आरोपों में जुड़वा दिया। प्रबंध तंत्र के मन मुताबिक एवं प्राचार्य प्रोफेसर डॉक्टर दानवीर सिंह यादव के खिलाफ गवाही एवं बयान में देने के कारण योजना में कार्यरत डॉ. गीता शर्मा को सीधे एवं नियम विरुद्ध बर्खास्त कर दिया गया।
भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि आयोग चयनित प्राचार्य महाविद्यालय की संपत्तियों को खुर्द-बुर्द करने एवं विभिन्न प्रकार की प्रशासनिक तथा वित्तीय अनियमिताओं में प्रबंधतंत्र के लिए सबसे बड़ी बाधा बनते रहे हैं। जिस कारण से प्रबंधतंत्र द्वारा आयोग चयनित प्राचार्य को विभिन्न प्रकार की साजिश एवं षड्यंत्र रचकर हटाने के लिए प्रयास किए जाते हैं। ऐसी ही स्थिति एस. एम. कॉलेज, चंदौसी, जनपद-संभल में है। अपने रास्ते से हटाना जरूरी हो जाता है। प्रबंधतंत्र द्वारा आयोग चयनित प्राचार्य को हटाने की इस षड्यंत्र एवं साजिश पूर्ण मुहिम में कई नादान, कर्मठ, एवं प्रबंधतंत्र को पसंद ना आने वाले कर्मचारी, शिक्षकगण एवं आदि स्टाफ को भी हानि उठानी पड़ती है।
वहीं सूत्रों का यही कहना है कि जब पुलिस विभाग उच्च शिक्षा विभाग द्वारा प्राचार्य प्राध्यापक को सभी आरोपों से मुक्त करते हुए दोष मुक्त करते हुए अपनी जांच रिपोर्ट दे दी गई और विश्वविद्यालय द्वारा भी प्राचार्य एवं दोनों प्रोफेसर्स को बहाल कर दिया गया तो इसके बावजूद भी आखिरकार प्रबंध तंत्र प्राचार्य एवं प्रोफेसर्स को महाविद्यालय में क्यों नहीं घुसने दे रहा है। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा वेतन भत्तों के संबंध में बार-बार कहने के उपरांत भी पीड़ितों को वेतन भत्ते क्यों नहीं दे रहा है प्रबंध तंत्र? महाविद्यालय में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के संबंध में उसे शिक्षा विभाग द्वारा मना किया गया है उसके बावजूद भी आखिरकार प्रबंधन तंत्र महाविद्यालय में क्यों नहीं पीड़ितों के महाविद्यालय में प्रवेश पर क्यों प्रतिबंध लगाया हुआहै? आखिरकार पूरे प्रकरण एवं प्रबंध तंत्र के वित्तीय प्रशासनिक आदि आदि सभी मामलों की गहन जांच होनी चाहिए।
इनके खिलाफ दर्ज हुई रिपोर्ट
1- संजय कुमार-प्रबंधक के बड़े भाई एवं जांच अधिकारी,
2- डॉ जाकिर हुसैन- जांच समिति के अध्यक्ष
3- आदित्य कुमार रस्तोगी- जांच समिति के विधिक सलाहकार
4- डॉ. हेमंत कुमार- कार्यवाहक प्राचार्य एवं जांच समिति सदस्य
5-डॉ. अजय कुमार अस्थाना- एवं जांच समिति सदस्य
6-लैंगिक उत्पीड़न एवं आंतरिक परिवाद समिति की पीठासीन श्रीमती अनुराधा एवं एवं जांच समिति सदस्य
7-श्रीमती मीनाक्षी सागर- प्रभारी- स्नातकोत्तर समाजशास्त्र विभाग (स्ववित्त पोषित खंड) एवं भाजपा नेत्री
8-डॉ. अजय प्रकाश-प्रभारी- स्नातकोत्तर वनस्पति विज्ञान विभाग (स्ववित्त पोषित खंड)
इसके अलावा अन्य अज्ञात में प्रबंधतंत्र एवं एस. एम. कॉलेज समिति, चंदौसी के सदस्यों को भी एफ आई आर में दर्शाया गया है।
प्रोफेसर डॉ. दानवीर सिंह यादव प्राचार्य द्वारा यह रिपोर्ट पदेन सदस्य प्रबंध समिति एस. एम. कॉलेज, चंदौसी के रूप में की गई है।