नितिन कुमार सिंह, बागपत। रविवार को पूर्व सांसद प्रत्याशी सुभाष चंद कश्यप ने सोशल मीडिया पर लिखा कि देशभर के स्कूल/कॉलेज प्रबंध तंत्र, स्कूल/कॉलेज में प्राइवेट कर्मचारियों के दम पर, आयोग से आए हुए प्रिंसिपल कर्मचारी प्रोफेसर अध्यापक पर, सरकार द्वारा दी गई सहायता/फंड को हड़पने के लिए नाजायज दबाव बनाते हैं। जो प्रिंसिपल प्रोफेसर अध्यापक कर्मचारी प्रबंध तंत्र के अनैतिक कार्यों में सहयोग नहीं करते उन्हें कहीं ना कहीं फंसा स्कूल/कॉलेज से भागने को मजबूर कर देते है। कर्मचारियों के सामने ऐसे हालात पैदा कर दिए जाते हैं या तो वह स्कूल छोड़कर भाग जाए या फिर आत्महत्या कर ले या फिर जेल भिजवा मृत्यु कारित जीवन को ही नरक बनवा देते है। यह सब जानकारी सरकार के पास भी है। सरकार भी जानती है कि स्कूल कॉलेज के प्रबंध तंत्र नाजायज कर्मचारियों पर दबाव सरकार द्वारा सहायता फंड को हड़पने के लिए डालते हैं। उसके बावजूद भी सरकार मूक दर्शक बनी हुई है और प्रबंध तंत्र लगातार तानाशाही करते जा रहे है।
सुभाष चंद कश्यप ने पोस्ट में चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी मेरठ व गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय मुरादाबाद चंदौसी के स्कूल/कॉलेज का जिक्र करते हुए लिखा कि मेरठ में चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी मेरठ ने एक प्रिंसिपल को दोपहर 12 निलंबन से बहाल किया लेकिन 4 घंटे बाद ही कॉलेज प्रबंध तंत्र ने फिर निलंबित कर दिया। अब बर्खास्त करने कि सिफारिश भी चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी मेरठ को कर दी। प्रिंसिपल ने एक समाचार के माध्यम से कहा कि प्रबंध तंत्र खुद के भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए बार-बार झूठी जाँच बैठा कार्यवाही करता रहता है।
ऐसा ही मामला गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय मुरादाबाद का है। जहां पर कॉलेज प्रबंधन तंत्र प्राचार्य को भगाने के लिए अनुसूचित जाति महिला के द्वारा गंदे आरोप और बच्चो से फाइल बनवाने के नाम पर 300 व 500 दुकानदारों के माध्यम से उगाही का आरोप लगवा पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवा देता है। पुलिस ने आरोपों को ख़ारिज कर फाइनल रिपोर्ट भी लगा दी। गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय मुरादाबाद ने सभी निलंबन/बर्खास्तगी समाप्त कर 30 अप्रैल 2025 को कॉलेज में पूर्व की भाती पठन पाठन का आदेश दिया। जिसे कॉलेज प्रबंध तंत्र ने नहीं माना। उल्टे गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय मुरादाबाद के ादेशो की अवेहलना कर प्राचार्य और प्रोफेसर को इस बार फिर निलंबित कर, प्राइवेट स्टाफ और अनुसूचित जाति महिलाओ से हाथापाई बदतमीजी करा, कॉलेज में प्रवेश भी बंद कर दिया। अब जानकारी आ रही है कि एससी/एसटी एक्ट में एक और मुकदमा भी करा दिया। एक एससी/एसटी में मुकदमा हाईकोर्ट के माध्यम से कार्यवाही करने का था। जो हाईकोर्ट की सख्ती और एक लाख के ज़ुर्माने के बाद 21 अगस्त 2025 को माफी मांग महिला ने अपना झूठा केस वापस ले लिया।
सुभाष चंद कश्यप ने लिखा कि ये कोई दो चार स्कूल कॉलेज का मामला नहीं है बल्कि सभी सहायता प्राप्त स्कूल कॉलेज प्रबंध तंत्र का हाल है और सभी राज्य और केंद्र सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। सुभाष चंद कश्यप ने कांग्रेस के द्वारा, प्रबंध तंत्र के माध्यम से कांग्रेस के राज से चली आ रही जनता के टैक्स के पैसे की लूट को रोकने के लिए देश हित में देश के सभी स्कूल/कॉलेज का राष्ट्रीयकरण करने या स्कूल/कॉलेज को दी जाने वाली सरकारी सहायता को तुरंत बंद करने की मांग की।