विद्यार्थी बोले- कानून व्यवस्था मज़बूत हो, प्रदूषण घटे, हर बच्चे को मिले शिक्षा का अधिकार
हर बच्चे का है अधिकार- रोटी, खेल, पढ़ाई, प्यार
बेजुबान पशुओं के प्रति संवेदनशीलता और पर्यावरण संरक्षण पर जोर
एफपीओ और डेयरी संचालकों ने मूल्य संवर्धन और बाजार तक पहुँच की रखी मांग
बागपत, 08 सितंबर 2025 — समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश @2047 अभियान के अंतर्गत सोमवार को जनपद में विभिन्न वर्गों के साथ विचार-विमर्श एवं संवाद कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस अवसर पर प्रबुद्धजनों ने सम्राट पृथ्वीराज चौहान डिग्री कॉलेज, बागपत में छात्र-छात्राओं, शिक्षकों तथा शिक्षा, खेल और स्वास्थ्य से जुड़े महानुभावों एवं स्थानीय बुद्धिजीवियों के साथ संवाद किया।
विकसित उत्तर प्रदेश विजन की तीन प्रमुख थीमों अर्थ शक्ति, सृजन शक्ति और जीवन शक्ति से जुड़े 12 प्रमुख सेक्टर जैसे कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र, पशुधन संरक्षण, औद्योगिक विकास, आईटी एवं उभरती प्रौद्योगिकी, पर्यटन, नगर एवं ग्राम्य विकास, अवस्थापना, संतुलित विकास, समाज कल्याण, स्वास्थ्य, शिक्षा तथा सुरक्षा एवं सुशासन पर चर्चा हुई। शासन से नामित प्रबुद्धजनों ने बताया कि सभी विषयों पर प्राप्त सुझावों के आधार पर राज्य के विकास की दीर्घकालिक रणनीति तय की जाएगी।
छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने शिक्षा के क्षेत्र में सुधार और युवाओं की आकांक्षाओं को सामने रखा। श्री नेहरू इन्टर कॉलेज पिलाना के प्रधानाचार्य डॉ सत्यवीर सिंह ने प्रत्येक जनपद में सैनिक स्कूल स्थापित करने और शिक्षा में नवाचार को बढ़ावा देने की बात कही। कविता चौधरी ने कंप्यूटर लैब और कंप्यूटर ऑपरेटर की व्यवस्था की आवश्यकता बताई, जबकि नीतू ने कौशल विकास कार्यक्रमों को और व्यापक बनाने पर बल दिया। मुकेश शर्मा ने विद्यालयों में ध्यान केंद्र स्थापित करने का सुझाव रखा।
विद्यार्थियों में पूजा ने हिन्दी और अंग्रेज़ी, दोनों ही माध्यमों में उच्च शिक्षा उपलब्ध कराने की बात रखी। अभिनव ने कौशल विकास और नादिस ने समग्र विकास पर फोकस करने का सुझाव दिया। सागर ने प्रदूषण नियंत्रण, कनक ने कानून व्यवस्था को और मज़बूत करने, तथा ग्रामीण क्षेत्र में इंटर कॉलेज स्थापित करने की मांग रखी। मंताशा ने बेजुबान पशुओं के प्रति संवेदनशीलता बरतने और गाय-बछड़े में भेदभाव न करने की अपील की और कहा कि यह जिम्मेदारी का भाव हमारे शैक्षिक पाठ्यक्रम का भी हिस्सा बने। साक्षी ने बच्चों के शिक्षा के अधिकार को सुनिश्चित करने पर बल दिया। प्रतिभागियों ने यह भी कहा कि सभी वर्गों के सामूहिक प्रयास से ही प्रदेश और देश विकसित हो सकता है और इसके लिए प्रत्येक नागरिक को ईमानदारी और सत्यनिष्ठा से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना होगा।
इसी क्रम में खेकड़ा स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में कृषक समूहों, पशुपालकों, डेयरी संचालकों, महिला स्वयं सहायता समूहों, कृत्रिम गर्भाधान और पशुचारा इकाइयों, सहकारिता एजेंसियों, फूड प्रोसेसिंग इकाइयों तथा एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) के सदस्यों और कृषि वैज्ञानिकों के साथ संवाद कार्यक्रम हुआ। इस संवाद में कृषि और पशुपालन क्षेत्र के विकास पर विशेष चर्चा हुई।
किसानों ने गन्ना, धान एवं अन्य फसलों के बेहतर दाम सुनिश्चित करने, सिंचाई सुविधाओं के विस्तार और आधुनिक तकनीकों को गांव-गांव तक पहुँचाने की आवश्यकता बताई। पशुपालकों और डेयरी संचालकों ने पशु स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार, चारे की उपलब्धता और विपणन सुविधाओं पर बल दिया। एफपीओ और फूड प्रोसेसिंग इकाइयों ने मूल्य संवर्धन, भंडारण और बाजार तक पहुँच को आसान बनाने की आवश्यकता जताई। कृषि वैज्ञानिकों ने टिकाऊ खेती, प्राकृतिक संसाधन संरक्षण और जल प्रबंधन पर बल दिया।
प्रबुद्धजनों ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल और कृषि जैसे क्षेत्रों से मिले ये बहुमूल्य सुझाव प्रदेश के विजन डॉक्यूमेंट में शामिल किए जाएंगे। जिलाधिकारी अस्मिता लाल ने प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे इस अभियान को अपने कार्यक्षेत्र के अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाएं और samarthuttarpradesh.up.gov.in पोर्टल पर 05 अक्टूबर तक अपने सुझाव अवश्य दर्ज करें।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी नीरज कुमार श्रीवास्तव, जिला विद्यालय निरीक्षक राघवेंद्र,ईओ बागपत के के भड़ाना सहित अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।
सूचना विभाग बागपत