गणेश पुजाअद्भुत आविष्कार सिर्फ भारत के ब्राह्मणों द्वारा किया जाता रहा है जो एक भी वैज्ञानिक पैदा नहीं होने दिया भारत क्योंकि पाखंड प्रपंच का बाजार बनाना तो यहां के यहूदी नस्ल के यूरेशियन ब्राह्मणों से सीखे ,गणेश की उत्पति की अदभुत अवतार शिवपुराण में लिखा हुआ है सर हाथी का धर आदमी का बना दिया गया हैशिव को तीनों त्रिलोक का स्वामी बताया गया हैअंतर्यामी त्रिकालदर्शी त्रिदेव त्रिपुरारी त्रिनेत्रधारी त्रिभुवनधारी बहुत से नामों से ब्राह्मणों ने शिवपुराण में लिखा है फिर भी अंतर्यामी जी शिव ने अपने पुत्र गणेश को नहीं पहचान पाए और दोनों बाप बेटा में मल्लयुद्ध करवा दिया शिव पूरण के द्वारा फिर शिव ने गुस्से में गणेश को अपने त्रिशूल से गणेश की गर्दन उड़ा दिएइतनी बड़ी युद्ध हो गया और पार्वती नहा रही थी जगतजननी निश्चिंत हो कर स्नान कर रही थीं फिर भी उसे इस युद्ध की तनिक आभास नहीं हो सकी गजब की वर्णन किया है ब्राह्मणों ने शिव पूरण मेंआश्चर्य दिखाए त्रिशूल से हत्या तो हो सकता है लेकिन त्रिशूल से गर्दन रेत कर अलग नहीं किया जा सकता है जबकि शिव को त्रिशूलधारी भी कहा गया है उनके हाथ में तलवार कभी किसी फोटो या मूर्ति में किसी ने नहीं देखा है ये मंद बुद्धि ब्राह्मणों की चतुराई धूर्तताई झूठ समझ में आती है इतना ही नहीं शिवपुराण में लिखा है पार्वती देखी तो शिव से बोली भगवन अनर्थ हो गया अपने अपने पुत्र की हत्या कर दिया है प्रायश्चित में इसे जीवित करने होंगे सुबह सुबह जो भी मिले उसके सर को काट कर लगा देंगे तो जीवित हो जाएगा आदमी के धर के ऊपर हाथी का सर कैसे एडजस्ट हो सकता है यह भी अद्भुत किया ब्राह्मणों ने गजब की रचना कर दियागणेश की पूजा सबसे पहले करवाया जाता है गजबफर्जी जब शिव नहीं पहचान नहीं पाए अपने ही पुत्र की उसकी अंतर्यामी नहीं हो सकता है*ब्राह्मणों की साजिश द्वारा रचना किया गया है भगवान हैंपार्वती के मैल से पैदा बताया गया है गणेश को पेट से पैदा नहीं हुए हैं यह भी साजिश है शिक्षित होता जाएगा साजिश का पर्दाफाश होता जाएगा जय निषाद जय सम्राट अशोक जय भारत साहब आनंद निषाद जी का विचारधारा है सुरेश निषाद के कलम से

subhashchand4

Bysubhashchand4

Aug 28, 2025
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गणेश पुजा
अद्भुत आविष्कार सिर्फ भारत के ब्राह्मणों द्वारा किया जाता रहा है जो एक भी वैज्ञानिक पैदा नहीं होने दिया भारत क्योंकि पाखंड प्रपंच का बाजार बनाना तो यहां के यहूदी नस्ल के यूरेशियन ब्राह्मणों से सीखे ,
गणेश की उत्पति की अदभुत अवतार शिवपुराण में लिखा हुआ है सर हाथी का धर आदमी का बना दिया गया है
शिव को तीनों त्रिलोक का स्वामी बताया गया है
अंतर्यामी त्रिकालदर्शी त्रिदेव त्रिपुरारी त्रिनेत्रधारी त्रिभुवनधारी बहुत से नामों से ब्राह्मणों ने शिवपुराण में लिखा है फिर भी अंतर्यामी जी शिव ने अपने पुत्र गणेश को नहीं पहचान पाए और दोनों बाप बेटा में मल्लयुद्ध करवा दिया शिव पूरण के द्वारा फिर शिव ने गुस्से में गणेश को अपने त्रिशूल से गणेश की गर्दन उड़ा दिए
इतनी बड़ी युद्ध हो गया और पार्वती नहा रही थी जगतजननी निश्चिंत हो कर स्नान कर रही थीं फिर भी उसे इस युद्ध की तनिक आभास नहीं हो सकी गजब की वर्णन किया है ब्राह्मणों ने शिव पूरण में
आश्चर्य दिखाए त्रिशूल से हत्या तो हो सकता है लेकिन त्रिशूल से गर्दन रेत कर अलग नहीं किया जा सकता है जबकि शिव को त्रिशूलधारी भी कहा गया है उनके हाथ में तलवार कभी किसी फोटो या मूर्ति में किसी ने नहीं देखा है ये मंद बुद्धि ब्राह्मणों की चतुराई धूर्तताई झूठ समझ में आती है इतना ही नहीं शिवपुराण में लिखा है पार्वती देखी तो शिव से बोली भगवन अनर्थ हो गया अपने अपने पुत्र की हत्या कर दिया है प्रायश्चित में इसे जीवित करने होंगे सुबह सुबह जो भी मिले उसके सर को काट कर लगा देंगे तो जीवित हो जाएगा आदमी के धर के ऊपर हाथी का सर कैसे एडजस्ट हो सकता है यह भी अद्भुत किया ब्राह्मणों ने गजब की रचना कर दिया
गणेश की पूजा सबसे पहले करवाया जाता है गजबफर्जी जब शिव नहीं पहचान नहीं पाए अपने ही पुत्र की उसकी अंतर्यामी नहीं हो सकता है*
ब्राह्मणों की साजिश द्वारा रचना किया गया है भगवान हैं
पार्वती के मैल से पैदा बताया गया है गणेश को पेट से पैदा नहीं हुए हैं यह भी साजिश है शिक्षित होता जाएगा साजिश का पर्दाफाश होता जाएगा जय निषाद जय सम्राट अशोक जय भारत साहब आनंद निषाद जी का विचारधारा है सुरेश निषाद के कलम से

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