13 नवजात कन्याओं की माताओं को पौधा, बेबी किट और प्रमाण पत्र देकर किया गया सम्मानित

बेटियाँ समाज और राष्ट्र की धुरी, हर परिवार करे शिक्षा व सुरक्षा का वादा: डीएम अस्मिता लाल
योजनाओं की जानकारी संग माताओं को दी गई नवजात देखभाल व स्तनपान की उपयोगी सलाह
बागपत, 27 अगस्त 2025 – जनपद के महिला जिला चिकित्सालय में “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना” के अंतर्गत कन्या जन्मोत्सव का आयोजन जिलाधिकारी अस्मिता लाल की अध्यक्षता में उत्साहपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर 13 नवजात कन्याओं की माताओं को अमरूद का पौधा, बेबी किट और सम्मान पत्र भेंट कर सम्मानित किया गया। सम्मानित माताओं में माता कॉलोनी की आरजू, पाबला की कोमल, मुकारी की मोमिना, निवाडा की माही, बागपत की कोमल, मौसिना, मुस्कान और गुलफ़्सा, जाफराबाद नंगला की सामरिन, शेखपुरा की सुहारा, सिसाना की नाजरीन, खेकड़ा की आयशा तथा बागपत की नरगिश शामिल रहीं।
पौधा वितरण इस बात का प्रतीक था कि जिस प्रकार एक पौधा पोषण और देखभाल से वृक्ष बनकर फल देता है, उसी प्रकार बेटियाँ भी सही वातावरण और अवसर मिलने पर परिवार और समाज का गौरव बढ़ाती हैं। समारोह में नवजात कन्याओं की माताओं द्वारा केक काटकर सामूहिक आनंद के साथ इस उत्सव को मनाया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी अस्मिता लाल ने कहा कि बेटी हमारे समाज और राष्ट्र की धुरी है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हर बालिका को शिक्षा, सुरक्षा और सम्मान मिले। उन्होंने समाज के हर वर्ग को नवजात बेटियों से शिक्षा के अधिकार और सुरक्षा एवं सम्मान सुनिश्चित करने का वादा करने का आह्वान किया। जिलाधिकारी ने कहा कि समृद्ध समाज की पहचान हमारे बच्चों की मुस्कराहट से होती है। यदि हम सब मिलकर संकल्प लें तो कोई भी बेटी शिक्षा और अवसर से वंचित नहीं रहेगी।
इस दौरान राज्य और केंद्र सरकार की उन योजनाओं की जानकारी भी दी, जो बेटियों के भविष्य को सुरक्षित और सशक्त बनाने के उद्देश्य से संचालित की जा रही हैं। उत्तर प्रदेश सरकार की कन्या सुमंगला योजना के अंतर्गत बालिकाओं को जन्म से लेकर स्नातक तक की पढ़ाई के विभिन्न चरणों पर छह श्रेणियों में कुल 25,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत अनाथ और असहाय बालिकाओं को मासिक भत्ता, शिक्षा और विवाह हेतु विशेष सहयोग दिया जा रहा है। केंद्र सरकार की सुकन्या समृद्धि योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान और मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना भी बालिकाओं के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में ठोस कदम हैं।

इस आयोजन के दौरान स्वास्थ्य विभाग की ओर से माताओं को नवजात शिशु की देखभाल संबंधी सुझाव भी दिए गए। विशेषज्ञों ने बताया कि जन्म के तुरंत बाद शिशु को माँ का पहला दूध (कोलोस्ट्रम) अवश्य पिलाना चाहिए, क्योंकि यही शिशु के लिए प्राकृतिक टीका है जो उसे बीमारियों से बचाता है। छह माह तक केवल माँ का दूध ही बच्चे के लिए पर्याप्त और पोषणकारी होता है। इसके अलावा माँ को साफ-सफाई, पौष्टिक भोजन और मानसिक शांति पर विशेष ध्यान देना चाहिए, ताकि शिशु का स्वास्थ्य और विकास संतुलित हो सके।
इसी क्रम में “आंचल पहल” का भी उल्लेख किया गया, जो हाल ही में बागपत के बड़ौत बस डिपो से शुरू की गई है। इस पहल के अंतर्गत स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए विशेष ब्रेस्टफीडिंग बूथ की व्यवस्था की गई है, ताकि महिलाएँ सार्वजनिक स्थानों पर भी बिना झिझक अपने बच्चों को स्तनपान करा सकें। यह प्रयास न केवल माताओं की सुविधा बढ़ाता है, बल्कि शिशुओं के स्वास्थ्य और मातृत्व सम्मान दोनों को सुरक्षित करता है।
इस दौरान मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ तीरथ लाल, डिप्टी सीएमओ यशवीर सिंह, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक एमएस मलिक, जिला प्रोबेशन अधिकारी अमरचंद वर्मा सहित अन्य स्वास्थ्यकर्मी, आशा कार्यकत्री आदि उपस्थित रहे।
सूचना विभाग बागपत