PACS कम्प्यूटरीकरण का तीसरा चरण लागू करने को तैयार बागपत, डिजिटल PACS से बदलेंगी ग्रामीण सेवाएँ
अब PACS बनेगी ‘वन-स्टॉप सेंटर’, ERP आधारित राष्ट्रीय सॉफ्टवेयर से जुड़ेंगी बागपत की समितियाँ
बागपत, 04 दिसंबर 2025। जिलाधिकारी अस्मिता लाल ने कलेक्ट्रेट सभागार में जिला स्तरीय क्रियान्वयन एवं निगरानी समिति की बैठक कर PACS कम्प्यूटरीकरण परियोजना की तैयारियों की गहन समीक्षा की। बैठक में उन्होंने स्पष्ट कहा कि जनवरी से शुरू होने वाले तीसरे चरण में बागपत को 41 PACS समितियों को हर हाल में डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाना है।
जिलाधिकारी ने कहा कि भारत सरकार की यह महत्वाकांक्षी परियोजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए मील का पत्थर साबित होगी। सरकार PACS कम्प्यूटरीकरण पर 2925.39 करोड़ रुपये खर्च कर रही है, जिसके तहत देशभर की सभी कार्यात्मक PACS को ERP आधारित राष्ट्रीय सॉफ्टवेयर, साझा लेखा प्रणाली (CAS) और MIS से जोड़ा जा रहा है। इससे PACS में ऋण वितरण से लेकर खाद-बीज बिक्री, खरीद-बिक्री, भंडारण, सदस्यता प्रबंधन और पीडीएस जैसी सभी सेवाएं एक ही डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होंगी।
बागपत जिला तीसरे चरण में शामिल है और जिले की 41 समितियों को जनवरी से पहले इन्फ्रास्ट्रक्चर, हार्डवेयर, इंटरनेट कनेक्टिविटी, सॉफ्टवेयर इंस्टॉलेशन और डेटा माइग्रेशन के लिहाज से पूरी तरह तैयार करना होगा। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि PACS सचिवों का प्रशिक्षण दिसंबर के तीसरे सप्ताह तक हर हाल में पूरा हो जाए।
बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने परियोजना की प्रगति में आ रही चुनौतियों पर अलग-अलग विभागों से रिपोर्ट ली। उन्होंने सहकारिता विभाग, नाबार्ड, DIC और बैंक अधिकारियों से कहा कि PACS कम्प्यूटरीकरण केवल तकनीक का सवाल नहीं है—यह किसानों को तेज, पारदर्शी और भरोसेमंद सेवाएं देने की दिशा में बड़ा बदलाव है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि परियोजना का लक्ष्य PACS को ग्रामीण सेवा केंद्र के रूप में स्थापित करना है। केंद्र सरकार PACS को पीएम किसान समृद्धि केंद्र, CSC, प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र, उर्वरक-बीज वितरण, पीडीएस, LPG/डीजल डीलरशिप जैसी सुविधाओं का बहुउद्देशीय केंद्र बनाने की दिशा में काम कर रही है।
बैठक में सहकारिता विभाग, नाबार्ड, बैंक प्रबंधक और जिला सूचना विज्ञान केंद्र के अधिकारी उपस्थित रहे।
सूचना विभाग बागपत