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बागपत में बदली सोच, बढ़ा साहस: मिशन शक्ति ने दिलाया विश्वास, मिला समाधान

मिशन शक्ति 5.0: महिलाएँ निडर होकर पहुंचीं अपनी बात लेकर प्रशासन के पास

जिलाधिकारी की पहल से मिला आत्मविश्वास, महिलाओं ने पहली बार खुलकर रखी बात

महिलाओं को किया जागरूक: समस्याएँ बताने में डरें नहीं, प्रशासन आपके साथ

बागपत, 14 नवम्बर 2025 –बागपत कलेक्ट्रेट सभागार उस समय एक सशक्त, आत्मविश्वासी और जागरूक महिला-शक्ति का केंद्र बन गया, जब मिशन शक्ति विशेष अभियान फेज 5.0 के अंतर्गत “हक की बात जिलाधिकारी के साथ” मेगा इवेंट का आयोजन किया गया। जिलाधिकारी के निर्देशन में आयोजित इस संवाद कार्यक्रम ने न केवल 45 से अधिक महिलाओं-बालिकाओं को अपनी बात सीधे प्रशासन तक पहुँचाने का अवसर दिया और यह भी साबित किया कि सरकारी तंत्र संवेदनशील, सजग और तत्पर है—बस पहल की जरूरत है।

कार्यक्रम की खासियत यह रही कि संवाद पूरी तरह दो-तरफ़ा रहा। जिलाधिकारी ने स्वयं प्रत्येक महिला की बात ध्यानपूर्वक सुनी, समस्याओं को नोट किया और संबंधित विभागों को तुरंत कार्यवाही के निर्देश दिए। लैंगिक हिंसा, घरेलू हिंसा, कार्यस्थल पर उत्पीड़न, दहेज हिंसा और सामाजिक असमानता से संबंधित शिकायतें बड़ी संख्या में सामने आयीं। जिलाधिकारी ने प्रत्येक पीड़िता को आश्वस्त किया कि प्रशासन उनके साथ है, और किसी भी प्रकार के भय या संकोच को अपने ऊपर हावी न होने दें।

उत्तर प्रदेश सरकार का मिशन शक्ति अभियान लगातार यह साबित कर रहा है कि यदि प्रशासन, समुदाय और प्रणाली साथ काम करें तो महिलाएँ न केवल अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकती हैं, बल्कि अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होकर निर्णय-क्षमता भी बढ़ा सकती हैं। मिशन शक्ति का यह पांचवाँ चरण विशेष रूप से जमीनी स्तर पर जागरूकता, सुरक्षा और सहायता को मजबूत करने पर केंद्रित है। बागपत में इस कार्यक्रम ने उसी दिशा में एक सशक्त कदम बढ़ाया है।

जिलाधिकारी ने हर मामले पर विस्तृत चर्चा की और संबंधित विभागों पुलिस, स्वास्थ्य, महिला कल्याण, ग्राम पंचायत, मनरेगा, समाज कल्याण, शिक्षा, वन स्टॉप सेंटर एवं DPO कार्यालय को शीघ्र निस्तारण के निर्देश दिए। जिला प्रोबेशन अधिकारी ने विभाग की सभी योजनाओं की जानकारी विस्तार से दी, जिनमें वन स्टॉप सेंटर, महिला हेल्पलाइन 1090, चाइल्ड हेल्पलाइन 1098, विधवा पेंशन, महिला शक्ति केंद्र जैसी कई महत्वपूर्ण योजनाएँ शामिल रही। यह जानकारी कई महिलाओं के लिए नई और महत्वपूर्ण थी, जो पहले सहायता के रास्तों से अनजान थीं। इन सभी विभागीय अधिकारियों का एक ही मंच पर उपलब्ध होना महिलाओं के लिए अतुलनीय राहत और भरोसे का कारण बना।

जिलाधिकारी ने कार्यक्रम के दौरान सबसे महत्वपूर्ण बात कही कि महिलाएँ निडर होकर अपनी समस्याएँ बताएं। यह पूरे संवाद के स्वर में स्पष्ट नजर आया। महिलाओं को प्रोत्साहित किया गया कि वे अपनी शिकायत छिपाएँ नहीं, सही समय पर मदद लें, प्रशासन और संबंधित विभागों से सहयोग मांगने में हिचकिचाएँ नहीं। इससे प्रेरित होकर कई महिलाओं ने पहली बार मंच पर आकर अपनी बात रखी।

कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने बताया कि महिलाओं की सुरक्षा केवल पुलिस का विषय नहीं, बल्कि पारिवारिक, सामाजिक और प्रशासनिक तीनों स्तरों की जिम्मेदारी है। हिंसा या उत्पीड़न की स्थिति में तत्काल रिपोर्टिंग बेहद जरूरी है। सहायता आज सिर्फ ऑफलाइन नहीं, बल्कि ऑनलाइन सर्टिफाइड प्लेटफॉर्म पर भी उपलब्ध है। समाज में बदलाव तभी होगा जब महिलाएँ स्वयं आगे आएँ और सहायता तंत्र का उपयोग करें।

इस अवसर पर एसडीएम बागपत / जिला प्रोबेशन अधिकारी अमरचंद वर्मा सहित अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।

सूचना विभाग बागपत

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