मछुआ नीति वर्ष 2008 के उल्लंघन मे अखिल भारतीय निषाद माझी महासभा के तत्वाधान में सौंपा ज्ञापन।
राजनगर । राजनगर ब्लॉक में तालाबों पर बढ़ते अवैध कब्जों और मछुआ नीति वर्ष 2008 के नियमों की खुली धज्जियां उड़ाए जाने को लेकर रैकवार समाज के सैकड़ों युवाओं ने आज जनपद पंचायत राजनगर पहुंचकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया अवैध कब्जाधारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।
युवाओं का कहना है कि तहसील क्षेत्र के कई ग्राम पंचायतों में दबंगों और बाहरी ठेकेदारों ने स्थानीय मछुआरों का हक छीन लिया है। वहीं, ग्राम पंचायतों में सरपंच और सचिव की मिलीभगत से मछली पालन के ठेके दिए जा रहे हैं, जिससे रैकवार समाज और स्थानीय मछुआ समुदाय को न तो कोई अवसर मिल रहा है और न ही सरकारी नीति का पालन हो रहा है।
खासकर ग्राम पंचायत धमना का मामला सबसे गंभीर बताया गया, जहाँ सचिव की मिलीभगत से मछुआ नीति 2008 के नियमों का सीधा उल्लंघन किया जा रहा है। नियमों के अनुसार तालाबों का ठेका स्थानीय मछुआरो को दिया जाना चाहिए, लेकिन यहाँ निजी लोगों को फायदा पहुंचाया जा रहा है।
रैकवार समाज के युवा अध्यक्ष राजेश रैकवार, उपाध्यक्ष गनेश रैकवार, कोषाध्यक्ष रमेश रैकवार, और कार्यकारी अध्यक्ष विजय रैकवार ने संयुक्त रूप से कहा कि –
हमने शासन-प्रशासन को ज्ञापन देकर चेताया है कि यदि जल्द ही तालाबों से अवैध कब्जे नहीं हटाए गए और नीति के अनुसार स्थानीय मछुआरों को अधिकार नहीं दिए गए, तो रैकवार समाज उग्र आंदोलन करने को मजबूर होगा जिसका जिम्मेदार शासन प्रशासन होगा।
इस ज्ञापन कार्यक्रम में युवा ब्लाक संरक्षक के तौर पर मोहन रैकवार ( बंदी भैया ) , महिला मोर्चा अध्यक्ष रानी रैकवार, युवा नेता सुखलाल रैकवार, अरविंद रैकवार, शैलेंद्र रैकवार, राजू रैकवार, बाबूलाल रैकवार, मनीष रैकवार, राहुल रैकवार, देवीशरन रैकवार, बिहारी रैकवार, बलराम रैकवार, अजय रैकवार, जीतू रैकवार, वीरू रैकवार, दीनू रैकवार सहित सैकड़ों की संख्या में समाज के युवा कार्यकर्ता मौजूद रहे।
समाज के सदस्यों ने नारे लगाकर प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की और चेतावनी दी कि यदि जल्द समाधान नहीं निकला तो धरना-प्रदर्शन और तालाबों पर सामूहिक आंदोलन किया जाएगा।