राष्ट्रगीत की गूंज में बागपत: ‘वंदे मातरम्’ के अमर संदेश को किया नमन
कर्तव्य भावना का आह्वान: जिलाधिकारी ने नागरिकों से समर्थ विकसित यूपी अभियान में सुझाव भेजने का किया आह्वान
स्वदेशी से समृद्धि की राह: सामूहिक वाचन के साथ जागी राष्ट्रीय चेतना, विद्यालयों में हुए संस्कृतिक कार्यक्रम
नई दिल्ली से माo प्रधानमंत्री एवं लखनऊ से माo मुख्यमंत्री के संबोधन का हुआ लाइव प्रसारण
बागपत, 07 नवंबर 2025 — राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में लखनऊ से हुए राज्य स्तरीय कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देखा गया। वर्ष 1875 में राष्ट्रवाद के अग्रदूत बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित इस गीत के 150 वर्ष पूरे होने पर प्रदेशभर में वंदे मातरम् के सामूहिक वाचन एवं स्वदेशी अपनाने के संकल्प के साथ भावनात्मक वातावरण निर्मित हुआ।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोक भवन, लखनऊ में आयोजित मुख्य समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि ‘वंदे मातरम्’ केवल एक गीत नहीं, भारत की स्वतंत्रता संग्राम की आत्मा और संकल्प का घोष है। इस अवसर पर सामूहिक गान हुआ और स्वदेशी के प्रसार का दृढ़ संकल्प लिया गया। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में नई दिल्ली में केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित राष्ट्रीय समारोह का प्रसारण भी देखा गया।
कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित कार्यक्रम में जिलाधिकारी अस्मिता लाल ने कहा कि प्रत्येक नागरिक को वंदे मातरम् से प्रेरणा लेकर अपने कर्तव्यों को जीवन में उतारना चाहिए। उन्होंने कहा— “विकसित भारत का निर्माण छोटे-छोटे प्रयासों से होता है। पौधारोपण, जल-संरक्षण, स्वच्छता, राष्ट्रीय प्रतीकों और शहीदों के सम्मान जैसी पहलें जीवन में अनिवार्य रूप से शामिल की जानी चाहिए।” उन्होंने ‘विकसित यूपी समर्थ यूपी’ अभियान के तहत 15 नवंबर तक नागरिकों से सुझाव भेजने का आह्वान किया।
इस दौरान सभागार में उपस्थित अधिकारियों एवं प्रतिभागियों द्वारा वंदे मातरम् का सामूहिक वाचन किया गया तथा स्वदेशी अपनाने का संकल्प लिया गया। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन में गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए, ताकि लाभ वास्तव में पात्र व्यक्तियों तक पहुंचे तथा सुशासन की मिसाल प्रस्तुत करे।
इधर जनपद भर में बेसिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा संस्थानों के साथ-साथ यूथ क्लबों में भी वंदे मातरम् आधारित विविध कार्यक्रम आयोजित हुए। सुबह 10 बजे सामूहिक गान किया गया, विद्यार्थियों को वंदे मातरम् का ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय महत्व समझाया गया। महाविद्यालयों में सेमिनार, निबंध व रंगोली प्रतियोगिताएं आयोजित हुईं तथा छात्रों ने गीत के संदेश की व्याख्या को गंभीरता से आत्मसात किया।
राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम्’ मातृभूमि की शक्ति, समृद्धि और पवित्रता का प्रतीक है। इसे पहली बार बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने साहित्यिक पत्रिका ‘बंग दर्शन’ में अपने उपन्यास ‘आनंदमठ’ के प्रकाशन क्रम में प्रकाशित किया था। बाद में वर्ष 1950 में संविधान सभा ने इसे राष्ट्रगीत का दर्जा प्रदान किया। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान यह गीत प्रभात फेरियों से लेकर क्रांतिकारियों के कंठ तक देश की सामूहिक चेतना का आधार बना।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह गीत किसी जाति, धर्म या पंथ का नहीं, बल्कि कर्तव्य भावना का आह्वान करता है। उन्होंने कहा— “जो शिक्षक संस्कार दे रहा है, जो सैनिक सीमाओं पर तैनात है, जो किसान धरती को सींच रहा है — वही वास्तविक अर्थों में ‘वंदे मातरम्’ का गायक है।” उन्होंने 1905 के बंग-भंग आंदोलन, आजादी के दीवानों के बलिदान, और कोविड काल में शासन एवं समाज द्वारा निभाई गई कर्तव्यपरायणता को भारतीयता की जीवंत शक्ति बताया।
बागपत सहित पूरे देश में आगामी एक वर्ष तक वंदे मातरम् 150 वर्ष समारोहों की श्रृंखला जारी रहेगी। गांव से लेकर राज्य स्तर तक सामूहिक गान, सांस्कृतिक कार्यक्रम और ऐतिहासिक व्याख्यान आयोजित किए जाएंगे, ताकि राष्ट्रगीत का संदेश नई पीढ़ी तक जीवंत रहे— मातृभूमि सर्वोपरि — वंदे मातरम्: प्रेम, कर्तव्य और मातृभूमि की गरिमा का स्वर।
इस अवसर पर डिप्टी कलेक्टर मनीष यादव ,ज्योति शर्मा ,वरिष्ठ कोषाधिकारी मनीष कुमार सिंह ,जिला आबकारी अधिकारी नवीन कुमार सिंह ,जिला सूचना अधिकारी राहुल भाटी सहित आदि अधिकारी उपस्थित रहे।
सूचना विभाग बागपत