Spread the love

राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 709B (दिल्ली–सहारनपुर मार्ग), जो कि केंद्र सरकार के अधीन एक महत्वपूर्ण संपर्क मार्ग है, वर्तमान समय में अत्यंत जर्जर स्थिति में है। मार्ग पर अनेक स्थानों पर बड़े-बड़े गड्ढे, धंसान एवं उखड़े हुए हिस्से हैं, जिनके कारण इस मार्ग से गुजरने वाले दोपहिया, चारपहिया एवं भारी वाहन चालकों को प्रतिदिन गंभीर जोखिम उठाना पड़ रहा है।
वाहनों को यांत्रिक क्षति, दुर्घटना का खतरा, तथा यात्रा में समय और ईंधन की भारी बर्बादी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

भारत सरकार द्वारा अधिसूचित राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (दर निर्धारण एवं संग्रह) नियम, 2008, तथा उसके अंतर्गत धारा 7, उपधारा (1) एवं (2) के अनुसार, टोल टैक्स का संग्रह तभी वैध है जब संबंधित सड़क, पुल या मार्ग निर्धारित मानकों के अनुरूप रख-रखाव एवं सुगम यातायात योग्य स्थिति में हो।
यदि मार्ग पर गंभीर क्षति, गड्ढे, या वाहन को नुकसान पहुँचाने वाली स्थितियाँ पाई जाएँ, तो टोल वसूली अस्थायी रूप से निलंबित की जा सकती है यह प्रावधान राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के संचालन दिशा-निर्देशों में स्पष्ट रूप से उल्लिखित है।

इस संदर्भ में सर्वोच्च न्यायालय एवं विभिन्न उच्च न्यायालयों द्वारा भी यह सिद्धांत स्थापित किया गया है कि

जब सड़कें टोल योग्य स्थिति में न हों, तब नागरिकों से टोल वसूली करना अनुचित एवं अवैध है।”
(संदर्भ: Consumer Online Foundation v. Union of India, AIR 2011 SC 792)

जनहित की मांग:
राष्ट्रीय राजमार्ग 709B की वर्तमान स्थिति को देखते हुए

जब तक सड़क की मरम्मत एवं पुनर्निर्माण का कार्य पूरा नहीं हो जाता,

तब तक संबंधित टोल प्लाज़ा पर टोल वसूली पूर्णतः निलंबित की जानी चाहिए।

NHAI तथा ठेकेदार एजेंसी को सड़क की गुणवत्ता सुधारने हेतु तत्काल दायित्व निर्धारण किया जाना चाहिए।

मैं, डॉ. संदीप कुमार शर्मा, एक नागरिक एवं विधि विशेषज्ञ के रूप में भारत सरकार, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय तथा राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से यह निवेदन करता हूँ कि
जनहित एवं विधि के सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग 709B के टोल को तत्काल प्रभाव से अस्थायी रूप से फ्री (मुक्त) किया जाए।
👉 साथ ही, मार्ग के मरम्मत कार्य की समयसीमा सार्वजनिक की जाए ताकि जनता को पारदर्शिता एवं राहत मिल सके।

जब सड़कें गड्ढों में तब्दील हो जाएँ, तब जनता से टोल वसूली कानूनी व नैतिक दोनों दृष्टियों से अनुचित है।
सरकार से अपेक्षा है कि शीघ्र ही इस दिशा में जनहितकारी निर्णय लिया जाएगा।
डॉ. संदीप कुमार शर्मा
विधि विशेषज्ञ एवं पूर्व सहायक प्रोफेसर विधि बडौत (बागपत)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

×