वेद ज्ञान का एकमात्र स्रोत।
आचार्य अरविंद शास्त्री।
आर्य समाज धनौरा टीकरी वार्षिकोत्सव के दूसरे दिन का कार्यक्रम यज्ञ,भजन एवं प्रवचन के साथ संपन्न हुआ।
यज्ञ के ब्रह्मा आचार्य अरविंद शास्त्री ने कहा संसार में ज्ञान का एकमात्र स्रोत वेद है। आर्य समाज की विचारधारा को जिस व्यक्ति ने निष्पक्ष भाव से सुना और पढ़ा वह महर्षि दयानंद के विचारों से प्रभावित हुआ। मानवता का कल्याण करना ही सबसे बड़ा धर्म है। आर्य समाज सामाजिक बुराइयों के विरुद्ध सच्चा रास्ता दिखाने वाली संस्था है। महिलाओं को वैदिक सिद्धांतों को अपनाकर अच्छी संतान का निर्माण करना चाहिए। तभी राष्ट्र अच्छी दिशा में जाएगा। वेद के मार्ग पर चलने से ही दुनिया में शांति स्थापित हो सकती है।
स्वामी सत्यवेश महाराज ने मृत्यु भोज को पाप बताते हुए कहा कहा बेटियों को संस्कारित करने से ही राष्ट्र उत्थान हो सकता है। बच्चों को संस्कारित करने की आर्य समाज ही एकमात्र कार्यशाला है।
जिला आर्य प्रतिनिधि सभा बागपत के मंत्री रवि शास्त्री ने बेटे और बेटियों के सर्वांगीण विकास के लिए जून माह में आयोजित होने वाले आवासीय शिविर के लिए आह्वान किया। कहा भारतीय संस्कृति बहुत विशाल है। मैं आर्य समाज से बहुत प्रभावित हूं। आर्य समाज के विचारों से ही विश्व में शांति संभव है। आज आर्य समाज की पूरे विश्व को आवश्यकता है।यज्ञ में बैठने से मुझे शांति मिलती है। इस अवसर पर मंच संचालन अंकित आर्य, अमरपाल आर्य, गौरव आर्य, ब्रह्मचारी आर्य, पूर्व प्रधानाचार्य रामपाल सिंह तोमर, धर्मपाल सिंह त्यागी, संजीव पवार, आदि उपस्थित रहे।