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कांधला/शामली दीपावली का पावन त्योहार नजदीक आते ही बाजारों में मिठाइयों की चमक-दमक बढ़ गई है, लेकिन कस्बे की ऊंची-ऊंची दुकानों के पीछे छिपा एक काला सच लोगों की सेहत पर भारी पड़ रहा है। जनपद शामली के कांधला कस्बे में मिलावटखोर खुलेआम ‘मीठा जहर’ बेच रहे हैं। नकली मावे से बनी लड्डू, बर्फी और रसगुल्ले, जो दिखने में लजीज लगते हैं, लेकिन अंदर से रसायनों और घटिया सामग्री से भरे हैं। दुश्मनी के डर से आमजन शिकायत करने से कतराते हैं, और जब तक कोई आवाज नहीं उठती, प्रशासन की नींद टूटती ही नहीं। नतीजा? देश के सबसे बड़े त्योहार पर जहर का धंधा फल-फूल रहा है, जबकि पड़ोसी मुजफ्फरनगर में मिलावटखोरों पर प्रशासन की भारी कार्रवाई चल रही है। कस्बे के व्यस्त बाजारों में घूमिए तो मिठाई की दुकानों पर भीड़ उमड़ रही है। लेकिन स्थानीय निवासी बताते हैं, “ये दुकानदार बड़े-बड़े नामों के साथ मावा-पनीर बेचते हैं, लेकिन अंदर की सच्चाई कौन जाने? शिकायत करने से डर लगता है, क्योंकि ये यहीं के प्रभावशाली लोग हैं।” सूत्रों के अनुसार, दीपावली से पहले शामली जिले में मिलावटी मावा और मिठाइयों के खिलाफ अभियान तो चलाया जा रहा है, लेकिन कांधला जैसे ग्रामीण इलाकों में यह सतही स्तर पर ही सीमित है। जिले में अब तक कुछ सैंपल लिए गए हैं, लेकिन कांधला में कोई बड़ी छापेमारी नहीं हुई। विशेषज्ञों का कहना है कि नकली मावे में स्टार्च, केमिकल और सिंथेटिक रंग मिलाए जाते हैं, जो किडनी और लीवर को नुकसान पहुंचा सकते हैं। दूसरी तरफ, पड़ोसी जनपद मुजफ्फरनगर में प्रशासन अलर्ट मोड में है। वहां खाद्य विभाग ने हाल ही में 600 किलो से ज्यादा मिलावटी मावा जब्त किया, कई दुकानों को सील किया और आरोपी गिरफ्तार हुए। मुजफ्फरनगर के एसपी आदित्य बंसल ने कहा, “हमारा अभियान जोरों पर है। मिलावटखोरों का पूरा नेटवर्क उजागर करेंगे।” लेकिन शामली में यह सक्रियता क्यों कम? यह हालत सिर्फ कांधला की नहीं, बल्कि पूरे जिले की है। उत्तर प्रदेश सरकार के विशेष अभियान के तहत राज्य स्तर पर 2993 क्विंटल मिलावटी सामग्री जब्त हो चुकी है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में मनमानी बरकरार है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं: मिठाई खरीदते समय लेबल चेक करें, शुद्ध गंध वाली चुनें, और रंग निकलने पर संदेह करें। साथ ही, जागरूकता अभियान चलाकर दुश्मनी के डर को दूर किया जाए। दुकानदारों की मनमानी और प्रशासन की चुप्पी सवालों के घेरे में है। जनता की सेहत के साथ खुलेआम खिलवाड़ कहीं विकराल रूप न ले ले। अब देखना है कि इस दीपावली आमजन की सेहत महत्वपूर्ण है या दुकानदारों की मनमानी!

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