खेल-खेल में जानेंगे बच्चे ‘अच्छा और बुरा टच’, मिटेगी बच्चों की झिझक, यौन उत्पीड़न से बचाव की होगी आसान शिक्षा
“जानो, खेलो और जीतो”: बागपत में बच्चों को सिखाए जाएंगे अपने अधिकार और सुरक्षा उपाय
बच्चों के अधिकारों का संदेश लेकर 250+ स्कूलों में पहुंचेगा बोर्ड गेम: जिलाधिकारी ने किया शुभारंभ
बागपत 04 अक्टूबर 2025 – बच्चों के साथ होने वाला यौन उत्पीड़न एक ऐसा अपराध है, जो न केवल उनकी मासूमियत छीन लेता है बल्कि लंबे समय तक उनके मनोविज्ञान पर गहरा असर डालता है। आंकड़े बताते हैं कि ऐसे मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। ऐसे में अदालतें जहां त्वरित न्याय के लिए सक्रिय हैं, वहीं प्रशासन भी बच्चों को जागरूक करने और उन्हें अपने अधिकारों के प्रति सचेत करने के नए-नए रास्ते तलाश रहा है।
इसी दिशा में बागपत जिलाधिकारी ने आज एक अनूठी पहल की है जो जनपद में पहली बार की जा रही है। बागपत विकास खंड के हमीदाबाद गांव के उच्च प्राथमिक विद्यालय (कंपोजिट) से जिलाधिकारी अस्मिता लाल ने “जानो, खेलो और जीतो” नामक बोर्ड गेम लॉन्च किया है जो एक सांप-सीढ़ी का खेल है जिसके प्रत्येक दांव और पड़ाव पर बच्चें जागरुक और शिक्षित होंगे। सांप-सीढ़ी का खेल ऐसा है जिसे हम सभी ने बचपन में जरूर खेला है लेकिन अब इसे बच्चों को खेल-खेल में यौन उत्पीड़न से बचाव, आत्मरक्षा और कानूनी जानकारी देने का सरल और प्रभावी माध्यम के रूप में अपनाया गया है।
इस दौरान विद्यालय में उपस्थित बच्चों को जिलाधिकारी अस्मिता लाल ने मार्गदर्शन करते हुए यह खेल सिखाया। खेल खेल में सामान्य ज्ञान, शिक्षा अधिनियम, जन सूचना अधिकार अधिनियम, पॉक्सो एक्ट, बाल अधिकार संबंधित विषयों का विद्यार्थियों को प्रश्न उत्तर के माध्यम से बोध कराया। इस दौरान बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए चॉकलेट एवं अन्य उपहार आदि देकर सम्मानित भी किया।
क्यों जरूरी है यह पहल?
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार, 2017 में POCSO एक्ट के तहत 32,608 मामले दर्ज हुए थे, जबकि 2018 में यह बढ़कर 39,827 तक पहुँच गए। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2024 में ही 88,902 नए मामले दर्ज हुए और 85,595 मामलों का निस्तारण हुआ, जो 96.28% की प्रभावशाली निस्तारण दर को दर्शाता है। मार्च 2025 तक देशभर में 745 से अधिक FTSCs, जिनमें 404 विशेष पोक्सो अदालतें शामिल हैं, संचालित हो रही हैं और अब तक 3,06,000 से अधिक मामलों का निपटारा कर चुकी हैं।
इसका सीधा अर्थ है कि समस्या बड़ी है और केवल अदालतों के सहारे इसे खत्म नहीं किया जा सकता। बच्चों को जागरूक करना और उन्हें अपनी चुप्पी तोड़ने के लिए प्रेरित करना उतना ही आवश्यक है। इस दिशा में बागपत प्रशासन की यह पहल पूरे प्रदेश के लिए अनुकरणीय मॉडल के रूप में उदाहरण बनेगी।
खेल कैसे करेगा बच्चों की मदद?
इस बोर्ड गेम की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह बच्चों को जटिल और संवेदनशील मुद्दों पर सहज और मनोरंजक तरीके से सिखाता है। यौन शोषण से गुजरने वाले अधिकांश बच्चे डर या शर्म की वजह से किसी को नहीं बताते। खेल के माध्यम से जब वे सवाल-जवाब करेंगे तो उन्हें यह समझने का अवसर मिलेगा कि इस विषय पर बोलना जरूरी है, छिपाना नहीं।
इस पहल की सबसे खास बात यह है कि यह बोर्ड गेम बच्चों को “अच्छा और बुरा टच” पहचानना सिखाता है और उन्हें यौन उत्पीड़न के प्रति सचेत करता है। खेल में तीन रंग के कार्ड—लाल, पीला और हरा—बच्चों को अलग-अलग ज्ञान और कौशल सिखाने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। लाल कार्ड में यौन उत्पीड़न से बचाव और कानून से जुड़े सवाल-जवाब होते हैं, पीला कार्ड सामान्य ज्ञान बढ़ाता है, और हरा कार्ड खेल को रोचक बनाने और बच्चे सक्रिय रूप से सीखने के लिए नए प्रयोग प्रदान करता है।
इस गेम का उद्देश्य केवल जानकारी देना नहीं बल्कि बच्चों की झिझक कम करना, सामाजिक कलंक तोड़ना और संवाद बढ़ाना भी है। इससे बच्चे सीखते हैं कि अगर कोई व्यक्ति उन्हें गलत तरीके से छूता है या परेशान करता है, तो इसे छिपाना नहीं चाहिए बल्कि माता-पिता, शिक्षक या विश्वसनीय वयस्क को बताना चाहिए। इस तरह यह खेल बच्चों में आत्मविश्वास, सुरक्षा, जागरूकता, अधिकारों और कानूनी समझ विकसित करता है। यह खेल हमेशा शिक्षकों की मौजूदगी में खेला जाएगा। शिक्षक न केवल मार्गदर्शन देंगे बल्कि बच्चों की शंकाओं का समाधान भी करेंगे। इससे बच्चों को सुरक्षित माहौल में सीखने का अवसर मिलेगा।
जिलाधिकारी अस्मिता लाल के निर्देशन में सैकड़ों सेट तैयार कराए जा रहे हैं, जिन्हें ज़िले के 250 से अधिक प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में वितरित किया जाएगा। बच्चों को नियमित रूप से इस खेल को खेलने का अवसर दिया जाएगा ताकि सीखना केवल एक बार की प्रक्रिया न होकर निरंतर जारी रहे।
जहां अदालतें त्वरित न्याय सुनिश्चित कर रही हैं, वहीं प्रशासन बच्चों को रोकथाम और जागरूकता के जरिए सुरक्षित वातावरण देने की कोशिश कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट का हालिया फैसला कि बच्चों की अश्लील सामग्री का केवल डाउनलोड ही नहीं बल्कि उसका अपने पास होना भी अपराध है, इस बात का संकेत है कि अपराधियों के लिए कोई ढील नहीं होगी।
जिलाधिकारी अस्मिता लाल ने बताया कि यौन उत्पीड़न जैसे अपराध से लड़ने के लिए जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है। बच्चे अगर अपने अधिकारों को समझेंगे और बिना झिझक अपनी बात रखेंगे तो हम अपराधियों को रोकने में सफल होंगे। ‘जानो, खेलो और जीतो’ खेल का उद्देश्य बच्चों को शिक्षा और सुरक्षा दोनों एक साथ देना है। यह पहल बच्चों के जीवन में सुरक्षा की शिक्षा, आत्मविश्वास और संवाद की संस्कृति को बढ़ावा देने का प्रयास है। जनपद के 250 से अधिक प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक निजी विद्यालयों में इस खेल को पाठ्यक्रम में जोड़कर एक व्यापक जन जागरूकता को बढ़ावा देने की तैयारी है।
इस दौरान जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी गीता चौधरी, सहित अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।
सूचना विभाग बागपत