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फिकल स्लज मैनेजमेंट इकाई होगी स्थापित, ग्राम गंगा सेवा समितियों का होगा गठन

बीमारी से परिवार के सामने आती है आर्थिक, मानसिक और सामाजिक चुनौतियां, संवेदनशीलता के साथ स्वच्छता पर जोर

गांवों की स्वच्छता में ढिलाई नहीं बर्दाश्त होगी, विभाग सक्रियता और समिति ईमानदारी से करें कार्य

बागपत, 22 सितंबर 2025। कलेक्ट्रेट सभागार में सोमवार को जिला स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण समिति की अहम बैठक जिलाधिकारी अस्मिता लाल की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में जनपद स्तर पर चल रही स्वच्छता गतिविधियों की समीक्षा के साथ-साथ आने वाले समय के लिए ठोस कार्ययोजना पर चर्चा हुई।

जिलाधिकारी ने स्पष्ट कहा कि गंदगी का सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ता है। एक बीमारी परिवार के आर्थिक बोझ को बढ़ा देती है, बच्चों की पढ़ाई प्रभावित करती है और मानसिक तनाव भी पैदा करती है। उन्होंने कहा कि अगर हमारे गांव स्वच्छ होंगे तो न केवल बीमारियां कम होंगी बल्कि ग्रामीण समाज स्वस्थ, आत्मनिर्भर और खुशहाल बनेगा।

बैठक में जिलाधिकारी ने ग्राम पंचायतों में बनाए गए रूरल रिसोर्स सेंटर (आरआरसी) के निष्क्रिय पड़े होने पर नाराजगी जताई और उन्हें तत्काल सक्रिय करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गांवों से निर्धारित वाहन द्वारा कचरा नियमित रूप से एकत्रित किया जाए और उसे आरआरसी तक लाकर समुचित प्रबंधन और निस्तारण सुनिश्चित किया जाए।

गीले कचरे से खाद बनाई जाए और सूखे कचरे का निस्तारण कबाड़ियों के माध्यम से किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि ग्राम पंचायतों में एकल प्रयोग वाली प्लास्टिक का उपयोग बंद कराने के लिए अभियान चलाए जाएं और कूड़ा-कचरा संग्रहण का रजिस्टर हर पंचायत में तैयार कर उसका नियमित निरीक्षण किया जाए।

पंचायती राज विभाग द्वारा दी गई जानकारी में बताया गया कि इस वित्तीय वर्ष में 5002 शौचालय निर्माण का लक्ष्य है, जिसमें से 1327 शौचालय पूरे हो चुके हैं। जिलाधिकारी ने इस प्रगति पर असंतोष जताया और गति तेज करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सामुदायिक शौचालयों का संचालन और रखरखाव पूरी जिम्मेदारी से होना चाहिए।

शौचालय बंद रहना, ताले लगे रहना या समय पर न खुलना बेहद गंभीर लापरवाही है। यह न केवल योजना की असफलता है बल्कि ग्रामीणों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ भी है। जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि केयरटेकर का भुगतान समय से किया जाए ताकि वे मनोयोग से जिम्मेदारी निभा सकें।

बैठक में जिलाधिकारी ने जोर देकर कहा कि स्वच्छता केवल बुनियादी ढांचे से नहीं आएगी, बल्कि इसके लिए जन-जागरूकता भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि बच्चों और युवाओं को स्वच्छता के ब्रांड एंबेसडर बनाया जाए और हर पंचायत में लोगों को समझाया जाए कि गंदगी से बीमारी और स्वच्छता से खुशहाली आती है।

बैठक में यह भी निर्णय हुआ कि जनपद में दो फिकल स्लज मैनेजमेंट इकाइयाँ स्थापित की जाएंगी। इसके बनने से न केवल शौचालयों का सीवर मैनेजमेंट सुधरेगा बल्कि खुले में गंदगी फैलने की समस्या पर भी नियंत्रण मिलेगा। साथ ही विकास खंड स्तर पर स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण समिति की मासिक बैठक बीडीओ की अध्यक्षता में आयोजित करने के निर्देश दिए गए ताकि योजनाओं की निरंतर समीक्षा हो सके।

स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण में रिक्त पदों की शीघ्र पूर्ति के निर्देश भी दिए गए। योजना सहायक/लेखाकार अविश कुमार के कार्य में अनियमितताओं की शिकायतों पर जिलाधिकारी ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई और जांच के आदेश दिए। वरिष्ठ कोष अधिकारी की अध्यक्षता में सीडीओ द्वारा नामित अधिकारी पंचायती राज जिला समन्वयक और अन्य अधिकारियों को शामिल किया गया है, जो 15 दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

बैठक में यह भी तय किया गया कि जनपद की प्रमुख नदियों व उनकी सहायक धाराओं के किनारे बसे गांवों में ग्राम गंगा सेवा समितियों का गठन किया जाएगा। जिलाधिकारी ने कहा कि यह समितियाँ नदी संरक्षण और साफ-सफाई में ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करेंगी।

बैठक के अंत में जिलाधिकारी ने कहा कि समिति और विभाग के अधिकारी केवल औपचारिकता न निभाएँ बल्कि पूरे मनोयोग और ईमानदारी से कार्य करें। उन्होंने कहा कि स्वच्छता एक आंदोलन है, जिसे गांव-गांव तक ले जाना है। अगर हर अधिकारी, कर्मचारी और ग्रामीण अपना-अपना दायित्व निभाएँ तो हमारा जनपद पूरे प्रदेश में स्वच्छता का उदाहरण बन सकता है।

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी नीरज कुमार श्रीवास्तव, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. तीरथ लाल, ब्लॉक प्रमुख अनीश यादव, प्रतिनिधि प्रवेंद्र धामा, समस्त खंड विकास अधिकारी एवं संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

सूचना विभाग बागपत

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