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मध्य प्रदेश। निवाड़ी,
देशभर में आज पत्रकार निशाने पर आ रहे हैं पुलिस की खबर ना लिखे तो पुलिस बदतमीजी झूठे मुकदमे करने से नहीं चूकती अधिकारियों के बारे में सही बात लिखे तो वह भी उनको चुभती है गैंगस्टरों के खिलाफ पोस्ट लिखो तो वह भी गैंगस्टर को चुदाती है जनता के आंदोलन के झूठे नेताओं के विरोध में लिखो तो सामाजिक प्रताड़ना भी पत्रकारों को झेलनी पड़ती है जान माल का नुकसान 24 घंटे 7 दिन 12 महीने लगा रहता है उम्मीद करते हैं कि पुलिस पत्रकारों को बचा लेगी लेकिन यहां तो उल्टे पुलिस ही पत्रकारों को फसने पर लग जाती है मामला चाहे कुछ भी हो तक में बैठे रहते हैं कि फाला पत्रकार ने पुलिस के खिलाफ यह खबर चलाई थी जिस दिन कोई झूठी आवाज भी जनता की तरफ से उठी उसे पत्रकार को परेशान करने लगते हैं आखिर पत्रकार जाए तो जाए कहां जाए पत्रकार की सुरक्षा न पुलिस कर पा रही ना देश की सरकार कर पा रही
पत्रकार को सैलरी भी कितनी मिलती है ना के बराबर और कोई इनकम का साधन पत्रकार का नहीं होता आखिर पत्रकार जाए तो जाए कहां सरकार की तरफ से कोई मुआवजा सहायता महीने भर में छोटी सी एक सैलरी भी पत्रकारों को सरकार की तरफ से नहीं मिलती सुरक्षा के नाम पर सिर्फ क्या है के पत्रकार की जान हमेशा गांव पर लगी रहती है।
वाक्य मध्य प्रदेश के निवाड़ी जनपद में भी देखने को मिल रहा है जहां पुलिस पत्रकारों को झूठे मुकदमों में बदतमीजी करने में लगातार कदम बढ़ाती जा रही है धीरे-धीरे पत्रकार भी पत्रकारिता को छोड़कर अपने बचाव में लगे है।
मध्य प्रदेश के जनपद निवाड़ी में पुलिस प्रशासन द्वारा पत्रकारों के प्रति अपनाई जा रही भाषा शैली और व्यवहार से संबंधित शिकायतों को लेकर आज जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कप्तान साहब को समस्त पत्रकारों की ओर से एक ज्ञापन सौंपा गया। पत्रकारों ने अपनी समस्याओं को विस्तार से रखते हुए कहा कि प्रशासन द्वारा अपनाई जा रही भाषा और कार्यशैली से पत्रकारों का मनोबल गिर रहा है और उनके पेशेवर कर्तव्यों में बाधा उत्पन्न हो रही है।

ज्ञापन सौंपते समय पत्रकारों ने आग्रह किया कि पुलिस प्रशासन संवाद, सहयोग और सम्मानपूर्ण व्यवहार को प्राथमिकता दे ताकि जनहित से जुड़े समाचार निर्भीकता से प्रकाशित किए जा सकें। पत्रकारों ने यह भी कहा कि लोकतंत्र में प्रेस की स्वतंत्रता अत्यंत महत्वपूर्ण है और उसका संरक्षण सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

इस अवसर पर
डॉ. सुभाष रायकवार, जिला कार्यवाहक एवं अध्यक्ष, अपना दल (एस), निवाड़ी, बुंदेलखंड ब्यूरो, कश्यप संदेश ने कहा कि पत्रकार समाज का दर्पण होते हैं। यदि उनका सम्मान और सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जाएगी तो समाज में जानकारी का प्रवाह बाधित होगा। उन्होंने पुलिस प्रशासन से संवाद और सहमति के साथ काम करने की अपील की।

ज्ञापन सौंपने के दौरान जिले के कई पत्रकार उपस्थित रहे और उन्होंने एकजुट होकर अपने अधिकारों व सम्मान की रक्षा हेतु आवाज़ बुलंद की।
सरकार को पत्रकारों की सुरक्षा के साथ-साथ एक सैलरी भी देनी चाहिए क्योंकि पत्रकार सरकार और समाज के बीच की एक कड़ी है निस्वार्थ भाव से पत्रकार अपना पूरा समय देश की सेवा में देता है इसलिए सरकार को पत्रकारों को सैलरी और पेंशन जरूर देनी चाहिए

केंद्र व राज्य सरकार पत्रकार को सम्मान सुरक्षा सैलरी पेंशन दे, सुभाष रकवार

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