भारत के संदर्भ में जब मुस्लिम और अंग्रेज भारत को मिटा नहीं पाए तोड़ नहीं पाए तो उन्होंने इसकी तोड़ खोजी और एक लंबा अभियान चला कर सिद्ध करने में सफल रहेगी भारत का भला लोकतंत्र से होगा और राजा महाराजा राजतंत्र तो जनता का खून चूसते हैं जबकि अंग्रेज स्वयं राजतंत्र में उसे समय भी थे और आज भी हैं दुनिया में सफल देश वही है जहां राजतंत्र है या उसे लोकतंत्र का रूप दिया गया है चीन अमेरिका रूस इंग्लैंड यूरोप के देश जापान सहित अधिकांश देशों में राजतंत्र या उसका रूप है
टाटा बिरला अंबानी जुकरबर्ग फोर्ड मोदी अंबानी अडानी जैक मा जैसे अनगिनत लोग हर देश में है और असली शासन यही चलते हैं इनके लिए संविधान नियम कानून भी बदल दिया जाता है और बिना इनके चल पाना किसी का संभव है मुंबई के परमवीर सिंह कमिश्नर का उदाहरण देख लो उनको कोई नहीं सुधर पाया और जैसे ही उन्होंने अंबानी से थोड़ा सा शक्ति किया और लूटने चाहा वैसे ही उनका विनाश हो गया
जब राजा महाराजा समाप्त हो गए तो शासन करने वाले वर्ग और उसको बनाने वाले वर्ग ने नारा दिया कि जब तक जमींदार और राजा महाराजा उनके पृथ्वी पर समाप्त नहीं होंगे तब तक देश आगे नहीं बढ़ेगा
इसके बाद चारों तरफ बुरी तरह से लोकतंत्र सफल हुआ और तानाशाही बढ़ने लगी तो नेहरू इंदिरा को गिरकर एक नए वर्ग को लाया गया और नारा दिया गया कि जब तक दलित अनुसूचित जाति जनजाति और पिछड़े लोग सांसद विधायक मंत्री अधिकारी नहीं होंगे तब तक देश सुधर नहीं सकता और खराब हो गई चारों तरफ ल घूसखोरी भ्रष्टाचार का बोलबाला हो गया
उसके बाद वर्ग विशेष जो सट्टा बनता बिगड़ता है उसने नारा दिया भारत इसलिए आगे नहीं बढ़ रहा है कि महिलाएं हर क्षेत्र में नाम मात्र की है फिर एक अभियान चला कर महिलाओं को बड़ी संख्या में सांसद विधायक मंत्री अधिकारी कर्मचारी बनाया गया तब स्थितियां और भी बुरी तरह से खराब हो गई
जल्दी ही यही वर्ग अटल बिहारी की तरह मोदी को भी सत्ता से गिरा देगा और उसे बनाएगा जिससे रसमलाई रबड़ी बैकुंठ भोग सुर सुंदरी पंचमकार जमकर मिलता रहे बस देखते जाना और ज्यादा नहीं 25 30 वर्ष में यही वर्ग लोकतंत्र को हटाकर राजतंत्र स्थापित कर देगा डॉक्टर दिलीप कुमार सिंह