चंदौसी (संभल), 22 नवंबर 2025 गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय मुरादाबाद ने 30 अप्रैल 2025 को ही आयोग से चयनित प्राचार्य डॉ. दानवीर सिंह यादव, प्रो. डॉ. प्रवीण कुमार (वाणिज्य) और डॉ. गीता शर्मा को बहाल कर कॉलेज में ड्यूटी जॉइन करने का आदेश दिया था, लेकिन कॉलेज प्रबंध तंत्र ने न तो इन्हें कॉलेज में प्रवेश करने दिया और न ही अप्रैल 2025 से अब तक एक रुपया वेतन जारी किया। उच्च शिक्षा विभाग ने 6 अगस्त, 14 अगस्त, 19 अगस्त और 15 नवंबर 2025 को कई बार वेतन भुगतान के सख्त निर्देश दिए, लेकिन प्रबंधन इन आदेशों को दरकिनार कर रहा है। प्रो. डॉ. प्रवीण कुमार ने बताया कि उनके खिलाफ दर्ज सभी शिकायतें एवं मीनाक्षी सागर की रिट याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट 21 अगस्त 2025 को ही खारिज कर चुका है। उच्च शिक्षा विभाग (20 फरवरी 2025) और पुलिस की विभिन्न जांचों (मार्च से नवंबर 2025 तक) में उन्हें पूरी तरह क्लीन चिट मिल चुकी है। प्रो. कुमार ने कॉलेज सचिव को दिए पत्र में कहा है कि प्रबंधन ने उनके भाई को जांच अधिकारी बनाकर और रिश्तेदारों को शामिल कर अवैध रूप से निलंबन-बर्खास्तगी की थी। पहले भी उन पर जानलेवा हमले हो चुके हैं, इसलिए अब कॉलेज में सुरक्षा के साथ प्रवेश और तत्काल वेतन भुगतान की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि आदेशों का पालन न हुआ तो होने वाली किसी भी हानि की जिम्मेदारी प्रबंधन की होगी। मामला अब राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री तक पहुंच चुका है। कॉलेज में शिक्षकों की पहले से कमी है, बहाल शिक्षक भी ड्यूटी नहीं कर पा रहे हैं, जिससे पढ़ाई चौपट हो रही है। स्थानीय लोग इसे “प्रबंधन की हठधर्मिता बनाम शासन-प्रशासन की लाचारी” का मामला बता रहे हैं।