किसानों के हक़ के दस्तावेज मिलेंगे बिना किसी परेशानी, किसानों को होगी सुविधा
खतौनी खिड़की की व्यवस्थाओं का स्वयं निरीक्षण कर जिलाधिकारी ने दिए आवश्यक दिशा-निर्देश
बागपत, 15 नवंबर 2025 – किसानों की जमीन से जुड़े दस्तावेजों को प्राप्त करने की प्रक्रिया पारदर्शी और सरल बनाने की दिशा में बागपत तहसील परिसर ने आज एक बहुत ही प्रेरक और दुर्लभ दृश्य देखने को मिला जिसे देख किसान बोल उठे कि डीएम हो तो ऐसी।
तहसील दिवस की कार्यवाही सम्पन्न होने के बाद जिलाधिकारी अस्मिता लाल अचानक बिना किसी पूर्व सूचना के सीधे खतौनी खिड़की की ओर बढ़ीं। सामान्यत: अधिकारी केवल व्यवस्थाओं का निरीक्षण करते हैं लेकिन इस बार दृश्य बिल्कुल अलग था। जिलाधिकारी ने न केवल व्यवस्थाओं की समीक्षा की बल्कि स्वयं कंप्यूटर डेस्क पर बैठकर किसानों की खतौनी निकालनी शुरू कर दी और प्रक्रिया को आसान बनाए जाने हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
खतौनी की लाइन में खड़े किसानों को पहले तो यह लगा कि शायद औपचारिक रूप से निरीक्षण होगा परंतु कुछ ही क्षणों में उनकी यह धारणा बदल गई। जिलाधिकारी ने जिस सहजता और सरलता से सिस्टम में लॉगिन कर किसानों की खतौनी निकाली, उसने किसानों को यह अहसास कराया कि सरकार केवल योजनाएं ही नहीं बना रही बल्कि उन्हें ईमानदारी से लागू करने के लिए भी प्रतिबद्ध है। एक-एक किसान का नाम पुकारकर उनके दस्तावेज जिलाधिकारी द्वारा अपने हाथों से सौंपना उन किसानों के लिए लंबे समय तक याद रहने वाला क्षण बन गया।
इस दौरान खिड़की पर उपस्थित किसान आश्चर्यचकित थे फिर यह आश्चर्य धीरे-धीरे विश्वास और सम्मान में बदलता गया। किसान आपस में धीरे-धीरे चर्चा करते सुनाई दिए कि डीएम मैम खुद खतौनी निकाल रही हैं… यही है यूपी सरकार का किसान कल्याण का संकल्प… कई किसानों ने कहा कि वह कई बार तहसील आ चुके है लेकिन ऐसा दृश्य पहले कभी नहीं देखा जहां ज़मीन और खसरा-खतौनी जैसे मूलभूत अधिकार से जुड़े दस्तावेज उन्हें इतने सम्मान के साथ सरकारी स्तर पर प्रदान किए गए हों।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने खतौनी खिड़की की संपूर्ण कार्यप्रणाली का अवलोकन किया और किसानों की समस्याओं को प्रत्यक्ष रूप से सुना। उन्होंने निर्देश दिया कि खतौनी के निर्धारित सेवा शुल्क 15 रुपए को बड़े और स्पष्ट अक्षरों में बोर्ड पर प्रदर्शित किया जाए ताकि किसी भी किसान से अतिरिक्त शुल्क की मांग न की जा सके। शुल्क रजिस्टर को देखा जिसमें सभी रिकॉर्ड अंकित मिले। सभी व्यवस्थाएं देख निर्देश दिए कि तहसील परिसर में किसानों के लिए बैठने की व्यवस्था, पीने के पानी की सुविधा और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए। जो किसान दूर दराज से अपनी खतौनी प्राप्त करने के लिए आते है उन्हें समय से और सुगमता से सुविधा प्राप्त हो और काउंटर पर लंबी कतार न लगे। खतौनी काउंटर पर जाले लगे देख सफाई और रंगाई पुताई के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने किसानों से बातचीत कर फीडबैक लिया एवं खतौनी, नामांतरण, सीमांकन, फसल बीमा तथा बैंक प्रक्रियाओं से जुड़ी अपनी परेशानियां साझा कीं। निरीक्षण के समय कुछ किसानों ने नामांतरण और खतौनी संशोधन में देरी की शिकायत भी रखी, जिस पर जिलाधिकारी ने मौके पर ही सम्बन्धित अधिकारियों को तलब किया तथा लंबित फाइलों को प्राथमिकता से निस्तारित करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के बाद किसानों ने जिलाधिकारी की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि वे पहली बार किसी जिलाधिकारी को इस प्रकार राजस्व खिड़की पर बैठकर खतौनी जारी करते देख रहे हैं। यह दृश्य हमने पहले कभी नहीं देखा। इससे भरोसा बढ़ा है कि प्रशासन सच में किसानों की समस्या समझना चाहता है।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि तहसील परिसर में किसी भी प्रकार की दलाल/बिचौलिया प्रथा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और यदि कोई व्यक्ति किसानों से अवैध वसूली करता पाया गया तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या अवैध मांग की सूचना तुरंत प्रशासन तक पहुंचाएं।
बागपत तहसील में जिलाधिकारी का यह निरीक्षण जनकेन्द्रित सुशासन, जवाबदेही और संवेदनशील प्रशासन का एक जीवंत उदाहरण बनकर सामने आया इस अवसर पर एसडीएम बागपत अमरचंद वर्मा उपस्थित रहे।
सूचना विभाग बागपत