बीजेपी ऐसे लड़ती है चुनावदृश्य -125 अक्टूबर को बक्सर के एक होटल में मैं अपनी टीम के साथ डिनर कर रहा था . दूसरी टेबल पर बीजेपी का फटका डाले कुछ नेता टाइप के लोग बैठे थे . उनमें से एक सज्जन बार -बार मेरी तरफ़ देख रहे थे . मैं भी उन्हें पहचानने की कोशिश कर रहा था . तभी वो मेरे पास आए और बोले – मैं सतीश गौतम , अलीगढ़ से बीजेपी का सांसद हूं . मैंने पूछा – आप यहां ? उन्होंने कहा – मैं एक महीने से बक्सर में हूं . इस बार हम बक्सर जीतेंगे .संक्षिप्त बातचीत के बाद वो अपनी सीट पर चले गए .मैं सोचने लगा कि बीजेपी कैसे चुनाव लड़ती है , इसका नमूना ये है कि अलीगढ़ का एक सांसद कई लोगों के साथ बक्सर में कैंप करके बैठा है . ज़ाहिर है और भी बहुत से लोग होंगे . बक्सर आख़िर जीत ही गई बीजेपी .दृश्य -2अगले दिन वहां से आरा होते हुए पटना लौट रहा था तो सड़क के किनारे झुग्गी बस्तियों मे कुछ लोग बीजेपी के पर्चे बांटते दिखे . तभी मेरी नज़र यूपी बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह पर पड़ी . मैंने थोड़ा आगे जाकर गाड़ी रोकी और पलटकर देखने गया कि वाक़ई स्वतंत्र देव ही हैं कि कोई और है ..पता चला कि स्वतंत्र देव कुछ लोगों के साथ सड़क के किनारे दुकानदारों और बस्ती वालों से बात करते चल रहे थे. जरा सोचिए . यूपी के एक बड़ा नेता सड़क के किनारे कुछ कार्यकर्ताओं के साथ धूल फांकता हुआ प्रचार कर रहा था. कोई कैमरा नहीं . कोई पब्लिसिटी नहीं . कोई रील नहीं .दृश्य – 3पहले दौर के चुनाव के बाद मैं किशनगंज के दफ्तरी पैलेस होटल के बाहर गाड़ी से सामान निकाल रहा था , तभी एक सज्जन आकर मिले . सूरत के कारोबारी के रुप में अपना परिचय दिया और कहा कि मैं कुछ दिनों तक तेघरा में तैनात था . वहां हम लोगों ने रजनीश कुमार की जीत के लिए दिन -रात काम किया है . गुजराती सज्जन ने पूरा हिसाब किताब समझाया कि कैसे रजनीश कुमार को 110000 से ज्यादा वोट मिलेंगे और काफी मार्जिन से जीतेंगे . उन्होंने अपना नंबर दिया और दावा किया कि नतीजों के दिन आप चाहें तो फ़ोन कर लीजिएगा . अभी देख रहा हूं कि रजनीश कुमार 112000 वोट पाकर 35 हज़ार वोट से जीत गए हैं . सीपीआई के मौजूदा विधायक चुनाव हार गए हैं .बीजेपी से लड़ने के पहले ये जानना जरूरी है कि बीजेपी कैसे चुनाव लड़ती है~अजीत अंजुम

subhashchand4

Bysubhashchand4

Nov 15, 2025
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बीजेपी ऐसे लड़ती है चुनाव
दृश्य -1
25 अक्टूबर को बक्सर के एक होटल में मैं अपनी टीम के साथ डिनर कर रहा था . दूसरी टेबल पर बीजेपी का फटका डाले कुछ नेता टाइप के लोग बैठे थे . उनमें से एक सज्जन बार -बार मेरी तरफ़ देख रहे थे . मैं भी उन्हें पहचानने की कोशिश कर रहा था . तभी वो मेरे पास आए और बोले – मैं सतीश गौतम , अलीगढ़ से बीजेपी का सांसद हूं . मैंने पूछा – आप यहां ? उन्होंने कहा – मैं एक महीने से बक्सर में हूं . इस बार हम बक्सर जीतेंगे .
संक्षिप्त बातचीत के बाद वो अपनी सीट पर चले गए .
मैं सोचने लगा कि बीजेपी कैसे चुनाव लड़ती है , इसका नमूना ये है कि अलीगढ़ का एक सांसद कई लोगों के साथ बक्सर में कैंप करके बैठा है . ज़ाहिर है और भी बहुत से लोग होंगे . बक्सर आख़िर जीत ही गई बीजेपी .
दृश्य -2
अगले दिन वहां से आरा होते हुए पटना लौट रहा था तो सड़क के किनारे झुग्गी बस्तियों मे कुछ लोग बीजेपी के पर्चे बांटते दिखे . तभी मेरी नज़र यूपी बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह पर पड़ी . मैंने थोड़ा आगे जाकर गाड़ी रोकी और पलटकर देखने गया कि वाक़ई स्वतंत्र देव ही हैं कि कोई और है ..पता चला कि स्वतंत्र देव कुछ लोगों के साथ सड़क के किनारे दुकानदारों और बस्ती वालों से बात करते चल रहे थे. जरा सोचिए . यूपी के एक बड़ा नेता सड़क के किनारे कुछ कार्यकर्ताओं के साथ धूल फांकता हुआ प्रचार कर रहा था. कोई कैमरा नहीं . कोई पब्लिसिटी नहीं . कोई रील नहीं .
दृश्य – 3
पहले दौर के चुनाव के बाद मैं किशनगंज के दफ्तरी पैलेस होटल के बाहर गाड़ी से सामान निकाल रहा था , तभी एक सज्जन आकर मिले . सूरत के कारोबारी के रुप में अपना परिचय दिया और कहा कि मैं कुछ दिनों तक तेघरा में तैनात था . वहां हम लोगों ने रजनीश कुमार की जीत के लिए दिन -रात काम किया है . गुजराती सज्जन ने पूरा हिसाब किताब समझाया कि कैसे रजनीश कुमार को 110000 से ज्यादा वोट मिलेंगे और काफी मार्जिन से जीतेंगे . उन्होंने अपना नंबर दिया और दावा किया कि नतीजों के दिन आप चाहें तो फ़ोन कर लीजिएगा . अभी देख रहा हूं कि रजनीश कुमार 112000 वोट पाकर 35 हज़ार वोट से जीत गए हैं . सीपीआई के मौजूदा विधायक चुनाव हार गए हैं .
बीजेपी से लड़ने के पहले ये जानना जरूरी है कि बीजेपी कैसे चुनाव लड़ती है
~अजीत अंजुम

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