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बागपत ::- नौरोजपुर गुर्जर गांव के प्राथमिक विद्यालय नंबर दो में तैनात शिक्षक प्रवीण कुमार ने इंटरमीडिएट की फर्जी मार्कशीट के सहारे 14 साल तक नौकरी की। जांच हुई तो बिहार बोर्ड की इंटरमीडिएट की वर्ष 1995 की मार्कशीट फर्जी मिलने के बाद सेवा समाप्त कर दी गई। उनसे वेतन की रिकवरी की जाएगी। मेरठ के पांचली के रहने वाले प्रवीण कुमार की वर्ष 2010 में नौरोजपुर गुर्जर गांव के प्राथमिक विद्यालय नंबर दो में सहायक शिक्षक के पद पर तैनाती की गई थी। उनको शुरू के पांच माह तक वेतन मिलता रहा। इसके बाद बिहार बोर्ड की इंटरमीडिएट की मार्कशीट फर्जी होने की शिकायत डायट में कर दी। तभी से शिक्षक के वेतन पर रोक लगा दी गई थी और अभिलेखों का सत्यापन न होने तक वेतन जारी नहीं करने के निर्देश दिए थे। शिक्षक के अभिलेखों की जांच करने में बेसिक शिक्षा विभाग को 14 साल लग गए। कई बार शिक्षक से इंटरमीडिएट की मार्कशीट मांगी गई, लेकिन वह नहीं दे सके। जांच पूरी होने के बाद शिक्षक की दो दिन पहले सेवा समाप्त कर दी गई और अब पांच माह के वेतन की रिकवरी की जाएगी।
जिस स्कूल की दिखाई मार्कशीट, वहां के परीक्षा परिणाम पर लगी थी रोक
शिक्षक प्रवीण कुमार ने बिहार के पटना स्थित वीर कुंवर सिंह विद्यालय से वर्ष 1995 में इंटर उत्तीर्ण करने की मार्कशीट अभिलेख में लगा रखी थी, जबकि इस विद्यालय की वर्ष 1995 में मान्यता रद्द करके परीक्षा परिणाम पर रोक लगाई गई थी। जब इस विद्यालय का परीक्षा परिणाम जारी नहीं हुआ था तो शिक्षक मार्कशीट कहां से लेकर आया। इसको फर्जी मानते हुए शिक्षक की सेवा समाप्त कर दी गई है।

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