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1-संशय की स्थिति को दूर करने हेतु उच्च शिक्षा विभाग द्वारा पत्र भेजकर किया गया क्षेत्राधिकार का निर्धारण

2-आइजीआरएस पोर्टल पर गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय, मुरादाबाद का नाम प्रदर्शित न होने के कारण गलत अंतरित हो रही थी शिकायतें

3-शासन द्वारा दिसम्बर-2024 में ही गुरु जम्भेश्वर विश्विद्यालय, मुरादाबाद का नाम आइजीआरएस पोर्टल पर लिंक करने हेतु सम्बंधित को आदेशित कर दिया था

एस. एम. कॉलेज, चंदौसी के आयोग चयनित नियमित प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. दानवीर सिंह यादव, आयोग चयनित पर प्राध्यापक डॉ. प्रवीण कुमार तथा स्ववित्त पोषित योजना में कार्यरत असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. गीता शर्मा बर्खास्तगी प्रकरण पर उच्च शिक्षा विभाग ने पत्र जारी कर स्पष्ट कर दिया है कि इस मामलें में गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय, मुरादाबाद द्वारा ही सुनवाई की जायेगी। इस विषय पर उच्च शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा दिनांक 30 अक्टूबर, 2025 को दोनों विश्वविद्यालय के कुलसचिव को पत्र भेज कर पूर्ण रूप से स्पष्ट कर दिया गया है कि गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय, मुरादाबाद के गठन के पश्चात जनपद अमरोहा, बिजनौर, रामपुर, मुरादाबाद एवं संभल के महाविद्यालय के कार्य महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड विश्वविद्यालय, बरेली के स्थान पर गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय, मुरादाबाद द्वारा देखा जाएगा तदक्रम में प्रश्नगत प्रकरण की सुनवाई गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय, मुरादाबाद द्वारा की जाएगी। इसके साथ ही प्रेषित पत्र में महात्मा ज्योतिबा फूले रोहिलखंड विश्वविद्यालय, बरेली के कुलसचिव को यह भी आदेशित किया गया है कि प्रकरण से संबंधित समस्त अभिलेख कुलसचिव-गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय मुरादाबाद को उपलब्ध कर दिए जाएं। आपको बताते चलें कि इस प्रकरण की सुनवाई महात्मा ज्योतिबा फूले रोहिलखंड विश्वविद्यालय, बरेली एवं गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय, मुरादाबाद दोनों के ही द्वारा की जा रही थी। शासन के आदेश पर गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय, मुरादाबाद द्वारा दिनांक 16 अप्रैल, 2025 को जांच सुनवाई संबंधी कार्रवाई प्रारंभ की गई और 30 अप्रैल 2025 को बहाली सम्बन्धी आदेश जारी कर दिया था, तो वहीं दूसरी ओर महात्मा ज्योतिबा फूले रोहिलखंड विश्वविद्यालय, बरेली द्वारा दिनांक 13 जून, 2025 की तिथि में जांच सुनवाई संबंधी कार्रवाई करने संबंधी पत्र भेजा था।
यह भी बताते चलें की महात्मा ज्योतिबा फूले रोहिलखंड विश्वविद्यालय द्वारा पत्र के माध्यम से आइजीआरएस पोर्टल के माध्यम से सूचित के कर दिया है कि प्रकरण गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय, मुरादाबाद से संबंधित है, जिसमें उनके विश्वविद्यालय द्वारा कार्यवाही अपेक्षित नहीं है। वही एस. एम. कॉलेज, चंदौसी के एक शिकायतकर्ता को आइजीआरएस पोर्टल पर यह भी अवगत कराया गया है कि प्रकरण एस. एम. कॉलेज, चंदौसी (संभल) से संबंधित है जो कि मुरादाबाद परिक्षेत्र के अंतर्गत है। वर्तमान में बरेली विश्वविद्यालय द्वारा किसी भी प्रकार का प्रशासनिक निर्णय लिया जाना विधि सम्मत नहीं होगा। वही महात्मा ज्योतिबा फूले रोहिलखंड विश्वविद्यालय, बरेली द्वारा आइजीआरएस पोर्टल पर महाविद्यालय के सचिव द्वारा की गई शिकायत के संबंध में जवाब देते हुए कहा है कि प्रकरण एस. एम. कॉलेज, चंदौसी से सम्बंधित है जोकि मुरादाबाद परिक्षेत्र के अंतर्गत है। वर्तमान में महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय द्वारा किसी भी प्रकार का प्रशासनिक निर्णय लिया जाना विधिसम्मत नहीं होगा। महात्मा ज्योतिबा फूले रोहिलखंड विश्वविद्यालय, बरेली द्वारा अपने समक्ष प्रस्तुत मुरादाबाद स्थित एक कालेज की महिला प्राध्यापिका के प्रकरण की सुनवाई को से अपने को अलग करते हुए को जांच सुनवाई संबंधी कार्यवाही के लिए दिनांक 28 अप्रैल, 2025 को कुलपति-गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय, मुरादाबाद का क्षेत्राधिकार बताकर को निस्तारण हेतु प्रेषित किया गया था।
स्मरण रहे कि प्रबंधतंत्र द्वारा भाजपा वरिष्ठ नेत्री एवं स्ववित्त पोषित योजना में संचालित समाजशास्त्र विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर श्रीमती मीनाक्षी सागर की शिकायत पर एस. एम. कॉलेज, चंदौसी के सचिव द्वारा अपने बड़े भाई संजय कुमार को जांच अधिकारी बनाकर कराई गई जांच की रिपोर्ट पर कार्यवाही करते हुए आयोग चयनित नियमित प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. दानवीर सिंह यादव, आयोग चयनित पर प्राध्यापक डॉ. प्रवीण कुमार तथा स्ववित्त पोषित योजना में कार्यरत असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. गीता शर्मा बर्खास्त कर दिया गया था। इस प्रकरण पर गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय, मुरादाबाद द्वारा उच्च शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश के आदेश के अनुपालन में लंबे समय से जाँच/सुनवाई की जा रही थी। जिसके अंतर्गत विश्वविद्यालय द्वारा दिनांक 30 अप्रैल, 2025 को तीनों को ही बहाल कर दिया गया था। जिसे महाविद्यालय के प्रबंधतंत्र द्वारा माननीय उच्च न्यायालय, प्रयागराज में क्षेत्राधिकार को लेकर चुनौती दी गई थी। महाविद्यालय के प्रबंधतंत्र द्वारा उक्त तीनों को ही महाविद्यालय में अपने कर्तव्य का निर्वहन नहीं करने दिया जा रहा था। वहीं आयोग चयनित नियमित प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. दानवीर सिंह यादव, आयोग चयनित पर प्राध्यापक डॉ. प्रवीण कुमार का महाविद्यालय में प्रवेश भी प्रतिबंधित कर दिया गया। माननीय उच्च न्यायालय, प्रयागराज में दायर क्षेत्राधिकार सम्बन्धी वाद की आड़ लेकर उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेशों के उपरांत भी तीनों को ही वेतन/भत्तों का भी भुगतान नहीं किया जा रहा था।
स्मरण रहे कि एस. एम. कॉलेज, चंदौसी प्रकरण में अपने खिलाफ हो रहे अन्याय, साजिश, षड्यंत्र, पुलिस में झूठी रिपोर्ट, निलंबन आदि के संबंध में न्याय करने हेतु डॉ. प्रवीण कुमार के नाम से प्रार्थना पत्र मुख्यमंत्री के यहां जनसुनवाई में प्रस्तुत किया गया था। जिसे उच्च शिक्षा विभाग के माध्यम से गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय, मुरादाबाद को प्रकरण के निस्तारण करने सम्बन्धी आदेश के साथ प्रेषित किया गया था। शासन एवं उच्च शिक्षा विभाग के इसी आदेश के अनुसार ही गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय, मुरादाबाद द्वारा अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए 9 अप्रैल, 2025 को पत्र भेज कर पीड़ित प्राचार्य एवं प्राध्यापक को सूचित किया था कि दिनांक 16 अप्रैल, 2025 को उनके प्रकरण की सुनवाई गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय, मुरादाबाद में होगी। इस प्रथम सुनवाई में तीनों ही पीड़ित एवं महाविद्यालय के कार्यवाहक प्राचार्य तथा प्रबंधक/सचिव व्यक्तिगत रूप से विश्वविद्यालय द्वारा की गई जांच सुनवाई संबंधी कार्यवाही में उपस्थित हुए थे।
महत्वपूर्ण बात यह है कि आइजीआरएस पोर्टल पर गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय, मुरादाबाद का नाम प्रदर्शित नहीं हो रहा था, जिस कारण से इस विश्वविद्यालय से सम्बन्धित महाविद्यालयों की की शिकायतें, प्रार्थना पत्र आदि निस्तारण हेतु इधर-उधर प्रेषित हो रहे थे। जिससे संशय एवं भ्रम की स्थिति बानी हुई थी। इस सम्बन्ध में दिनांक 12 जुलाई, 2025 को महाविद्यालय के वाणिज्य विभाग के पीड़ित प्रोफेसर डॉ. प्रवीण कुमार द्वारा मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आइजीआरएस पोर्टल पर गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय, मुरादाबाद का नाम प्रदर्शित करने हेतु निवेदन किया गया था, जिसके उपरांत शासन द्वारा कार्रवाई करते हुए आइजीआरएस पोर्टल पर गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय, मुरादाबाद का नाम प्रदर्शित करवाने संबंधी कार्रवाई की पूर्ण की गई। अब गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय मुरादाबाद का नाम आइजीआरएस पोर्टल पर प्रदर्शित हो रहा है। यह भी बताते चले कि शासन द्वारा दिसम्बर-2024 में ही गुरु जम्भेश्वर विश्विद्यालय, मुरादाबाद का नाम आइजीआरएस पोर्टल पर लिंक करने हेतु सम्बंधित को आदेशित कर दिया था। जो किसी कारणवश नहीं हो पाया होगा।
बहरहाल देर आयद दुरुस्त आयद वाली कहावत यहाँ चरितार्थ होती है। शासन के द्वारा एस. एम. कॉलेज, चंदौसी के आयोग चयनित नियमित प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. दानवीर सिंह यादव, आयोग चयनित पर प्राध्यापक डॉ. प्रवीण कुमार तथा स्ववित्त पोषित योजना में कार्यरत असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. गीता शर्मा बर्खास्तगी प्रकरण पर उच्च शिक्षा विभाग द्वारा पत्र जारी करने से सभी ने क्षेत्राधिकार सम्बन्धी स्पष्टीकरण से राहत की सांस ली होगी। साथ ही पीड़ितों एवं अन्य की कठिनाई भी कम होगी। उम्मीद की जा रही है कि महाविद्यालय में अब समस्या का अन्त्तिम रूप से निस्तारण होने के बाद शांति कायम होगी और पठन-पाठन का माहौल बनेगा।

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