तरुण, नई दिल्ली। वजीराबाद में बना सिग्नेचर ब्रिज भविष्य में रात में भी दूर से नजर आएगा। अभी ब्रिज रात में दूर से नजर नहीं आता है। ऐसे में सरकार ने ब्रिज पर काम करने वाली एजेंसी को रोशनी के सिस्टम को अपग्रेड करने के लिए कहा है। सिग्नेचर ब्रिज का निर्माण दिल्ली सरकार के दिल्ली टूरिज्म एंड ट्रांसपोर्टेशन डेवलपमेंट कारपोरेशन ने कराया है। ब्रिज को पयर्टन की दृष्टि से आकर्षक बनाने के लिए बहुत सारे काम हो रहे हैं।
ब्रिज पर रंगबिरंगी रोशनी की व्यवस्था की गई है। ब्रिज का मुख्य पिलर 154 मीटर ऊंचा है। इस पर तारों के जरिये ब्रिज के 350 मीटर के हिस्से को रोका गया है। इसके हिस्से में 154 मीटर ऊंचे इस पिलर के अलावा दूसरा कोई पिलर नहीं है। यही पिलर आकर्षण का मुख्य केंद्र भी है।
इलेक्टिक सिस्टम के तहत आसपास लगाई गईं 150 से भी ज्यादा पावरफुल लाइटों से इस पिलर पर रोशनी डाली जाती है, जो रंग भी बदलती हैं। इससे ब्रिज का बेहतरीन नजारा दिखता है। लेकिन, यह सब नजदीक से ही नजर आता है। ज्यादा दूरी से यह नहीं दिखता है। दिल्ली सरकार चाहती है कि रोशनी का यह नजारा दूर से भी दिखे। कोरोना के कारण इस दिशा में काम आगे नहीं बढ़ सका था।
सरकार जनता को सिग्नेचर ब्रिज के मुख्य आकर्षण 154 मीटर ऊंचे पिलर पर बने व्यू प्वाइंट को शुरू करने की दिशा में भी काम कर रही है। व्यू प्वाइंट तक जाने वाली लिफ्ट के टेढ़ी चलने के कारण इसे अनुमति नहीं मिल पा रही है। इस दिक्कत को दूर कर जनता को व्यू प्वाइंट से दिल्ली का टाप व्यू दिखाने के लिए भी काम किया जा रहा है।