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वायरल, नई दिल्ली। राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ प्रस्तावित बैठक को फिलहाल टाल दिया है। कहा कि वह समय की बर्बादी नहीं चाहते।

यूक्रेन युद्ध को खत्म करने की उनकी कोशिशों में एक नया मोड़ है। ट्रंप ने पिछले हफ्ते हंगरी के बुडापेस्ट में पुतिन से मुलाकात की घोषणा की थी। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के बीच सोमवार को हुई बातचीत के बाद यह प्लान रुक गया।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप का कहना है कि वह बिना ठोस तैयारी के पुतिन से नहीं मिलना चाहते। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने दबाव बनाए रखने की बात कही है। उनका मानना है कि रूस तब ही बातचीत के लिए तैयार होता है, जब उस पर सैन्य या कूटनीतिक दबाव पड़ता है।

उनका आरोप है कि पुतिन कूटनीति के बहाने समय बर्बाद कर रहा है, ताकि युद्ध के मैदान में बढ़त बनाए रखे। ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के नेताओं ने यूक्रेन से रूस के कब्जे वाली जमीन छोड़ने की ट्रंप की सलाह का विरोध किया है। वे रूस की जमा की गई अरबों डॉलर की संपत्ति का इस्तेमाल यूक्रेन की मदद के लिए करना चाहते हैं, भले ही इस कदम की वैधता पर सवाल उठ रहे हों।

रूस के विदेश मंत्री लावरोव ने मंगलवार को साफ किया कि रूस युद्धविराम के खिलाफ है। उनका कहना है कि यह अलास्का में ट्रंप और पुतिन के बीच हुई सहमति के खिलाफ होगा। रूस अभी भी यूक्रेन का करीब पांचवां हिस्सा नियंत्रित करता है, और यूक्रेन इसे वापस लेने के लिए लंबी दूरी की टॉमहॉक मिसाइलों की मांग कर रहा है।

हथियारों की आपूर्ति में नाटो अहम भूमिका निभा रहा है। बुधवार को ट्रंप नाटो महासचिव मार्क रुटे से मुलाकात करेंगे। वहीं, यूक्रेन का समर्थन करने वाले 35 देशों का गठबंधन ‘कोएलिशन ऑफ द विलिंग’ शुक्रवार को लंदन में बैठक करेगा।

पिछले महीने राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने कहा था कि यूक्रेन रूस से अपनी सारी जमीन वापस ले सकता है, लेकिन पुतिन और जेलेंस्की से हालिया बातचीत के बाद उन्होंने दोनों पक्षों से युद्ध को मौजूदा स्थिति में रोकने की बात कही। रविवार को उन्होंने पूर्वी यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र को “बांटने” का सुझाव दिया।

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