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वायरल, नई दिल्ली/पटना। बिहार राज्य विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण के नामांकन के आखरी दिन तक महागठबंधन में सीटों पर आखिरी क्षण तक चली खींचतान के बीच राजद, कांग्रेस और अन्य घटक दलों ने अपने-अपने उम्मीदवारों की सूची अलग-अलग जारी की गयी। साझा मंच से सूची जारी करने का वादा हवा हो गया और दलों ने देर रात तक अपने-अपने उम्मीदवारों के नाम सार्वजनिक किए।

महागठबंधन का सबसे बड़ा दल राजद सर्वाधिक 143 सीटों पर चुनाव मैदान में उतरा। जबकि, लगातार 60 सीट और उप मुख्यमंत्री पद की मांग करने वाली विकासशील इंसान पार्टी बिहार कांग्रेस को महागठबंधन में इस बार कुल 61 सीटें मिली हैं। अंतिम समय तक कांग्रेस 2020 के चुनाव की भांति कम से कम 70 सीटों के लिए जोर लगाती रही। लेकिन, उसकी कोशिश उसे 61 सीटें ही दिला पाई। वाम दल इस बार 30 सीटों पर मैदान में होंगे। को कुल नौ सीटें ही मिल पाई।

बिहार में महागठबंधन में सीट शेयरिंग का मामला ऐसा फंसा रहा कि मजबूरी कहें या कुछ और गठबंधन के सहयोगी दलों ने सीट की घोषणा के पहले ही उम्मीदवारों को सिंबल देना शुरू कर दिया था। यहां उल्लेखनीय है कि आधिकारिक रूप से भले ही महागठबंधन 243 सीटों पर चुनाव लड़ रहा है, परंतु उसके कुल 254 उम्मीदवारों ने मैदान में मोर्चा संभालने की तैयारी कर रखी है।

कुछ दलों के खाते में 30 सीट है, उसके 35 उम्मीदवार मैदान में हैं। वीआइपी को नौ सीट ही मिली, किंतु उसके 15 उम्मीदवार मैदान में हैं। कई सीटों पर महागठबंधन के घटक दलों के बीच मतभेद बरकरार हैं। दूसरी ओर, एनडीए ने उम्मीदवारों की सूची सप्ताह भर से अधिक समय पहले ही जारी कर दी थी। भाजपा और जदयू 101-101 लोजपा रामविलास 29, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा 6 और राष्ट्रीय लोक मोर्चा 6 सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं।

कुछ लोग मानते है कि महागठबंधन के भीतर सीट बंटवारे और टिकट चयन को लेकर बनी असहमति चुनावी अभियान को प्रभावित कर सकती है। नेताओं का दावा है कि नामांकन के बाद सभी दल एकजुट होकर चुनाव मैदान में उतरेंगे और जनता महंगाई, बेरोजगारी व भ्रष्टाचार और वोट चोरी के मुद्दे पर सरकार को जवाब देंगे।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की गहमा-गहमी शुरू है। महागठबंधन में सीटों की गुत्थी अब तक उलझी हुई है। कई ऐसी सीटें हैं जिन्हें लेकर राजद, कांग्रेस, वीआइपी और वामदलों के बीच मतभेद बना हुआ है। जिसकी वजह से महागठबंधन की एकता पर सवाल उठ रहे हैं। लेकिन, इसी बीच अब कांग्रेस की ओर से डैमेज कंट्रोल की कवायद शुरू होने के संकेत मिले हैं।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार महागठबंधन में सीटों को लेकर चल रहे विवाद के बीच पार्टी आलाकमान ने अब अपने वरिष्ठ नेता व राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बिहार भेजने का फैसला किया है। लोगो की माने तो महागठबंधन के विवाद को कम करने के लिए अशोक गहलोत बुधवार की सुबह बिहार आ रहे हैं। वे तेजस्वी यादव से मुलाकात करेंगे। लालू प्रसाद से भी उनकी मुलाकात संभावित है।

अब 23 अक्टूबर 2025 को महागठबंधन के नेताओं की पटना में एक साझा प्रेस कांफ्रेंस की योजना है। यह मुलाकात कांग्रेस और राजद के बीच बढ़ती दूरी को कम करने की दिशा में एक बड़ा राजनीतिक प्रयास होगा। बता दें कि बिहार में महागठबंधन के कुल 254 उम्मीदवार मैदान में हैं।

आरजेडी के 143, भाकपा माले 20, कांग्रेस 61, सीपीआइ 9, सीपीएम 6 और वीआइपी के 15 उम्मीदवार शामिल हैं। ऐसा सिर्फ सामंजस्य और तालमेल में कमी और सीटों को लेकर एक दूसरे के प्रति अविश्वास के कारण है।

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