गौशालाओं में बुनियादी सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण हेतु जिलाधिकारी ने विभिन्न बिंदुओं पर दिए निर्देश
बागपत, 13 अक्टूबर 2025 – जिलाधिकारी अस्मिता लाल की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में जनपद की 29 गौशालाओं की नोडल अधिकारीवार समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में जिलाधिकारी ने गौ संरक्षण के विषय में अधिकारियों को संवेदनशीलता और जवाबदेही के साथ कार्य करने के निर्देश दिए। जनपद में कुल 29 गौशालाएं संचालित हैं जिनमें 16 ग्रामीण, 04 नगरीय अस्थायी गौ आश्रय स्थल, 05 वृहद गौ संरक्षण केंद्र, और 04 कान्हा गौशालाएं शामिल हैं।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिया कि गौशालाओं की मरम्मत, प्रकाश व्यवस्था, अतिरिक्त शेड, बाउंड्रीवाल, खड़ंजे और पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि गौशालाएं केवल आश्रय स्थल नहीं, बल्कि करुणा और सेवा की पहचान हैं। इनके रखरखाव में लापरवाही किसी भी स्तर पर स्वीकार्य नहीं होगी। बैठक में उन्होंने गौशालाओं के ऊपर से गुजर रही विद्युत लाइनों को स्थानांतरित करने, अक्रियाशील सोलर पैनलों को पुनः सक्रिय करने, और अपर्याप्त प्रकाश व्यवस्था को तुरंत सुधारने के निर्देश दिए। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. अरविंद त्रिपाठी ने बताया कि जनवरी 2025 से अब तक कुल 456 गौवंशों को सुरक्षित आश्रय प्रदान किया गया है।
बैठक के दौरान जिलाधिकारी अस्मिता लाल ने नोडल अधिकारियों के निरीक्षणों में सामने आई कमियों पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए तत्काल सुधार के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि सभी गौशालाओं में पर्याप्त हरा चारा, स्वच्छ पेयजल, और साफ-सुथरे बाड़े हर समय उपलब्ध रहने चाहिए। जिलाधिकारी ने सुरक्षा व्यवस्था पर भी विशेष बल देते हुए निर्देशित किया कि सभी CCTV कैमरे हर समय क्रियाशील रहें ताकि निगरानी में पारदर्शिता बनी रहे और किसी भी तरह की अनियमितता या लापरवाही तुरंत पहचानी जा सके। उन्होंने कहा कि गौशालाओं में अभिलेखों का रख-रखाव सटीक और अद्यतन होना चाहिए, जिससे प्रत्येक गौवंश का विवरण, स्वास्थ्य स्थिति, चारे आदि का पूरा ब्यौरा दर्ज रहे।
उन्होंने यह भी दोहराया कि गौशालाओं में कार्यरत केयर टेकर और अन्य कर्मचारियों का समय से भुगतान अत्यंत आवश्यक है। समय पर पारिश्रमिक न मिलने से उनका मनोबल गिरता है और देखभाल की गुणवत्ता प्रभावित होती है। बीमार पशुओं की स्थिति पर बात करते हुए उन्होंने चिकित्सकीय टीमों को निर्देशित किया कि किसी भी गौवंश को बीमारी या चोट की स्थिति में तुरंत उपचार मिले, ताकि कोई भी जीव असहाय या उपेक्षित महसूस न करे। उन्होंने सभी पशु चिकित्साधिकारियों एवं पंचायत सचिवों को निर्देशित किया कि वे गौशाला संबंधी बैठकों में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहें और जमीनी स्तर पर निरंतर निगरानी रखें।
बैठक में मुख्य मुख्य विकास अधिकारी नीरज कुमार श्रीवास्तव, परियोजना निदेशक राहुल वर्मा, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ अरविंद त्रिपाठी समेत अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।
सूचना विभाग बागपत