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सुगम संकल्प से जगमगाया बागपत: अनोखे बाजार से सजा कलेक्ट्रेट लोकमंच, विशेष बच्चों ने जगाई नई उम्मीद

दिव्यांग बच्चों की प्रतिभा से रोशन हुआ बागपत कलेक्ट्रेट लोकमंच, “सुगम संकल्प” प्रदर्शनी बनी समावेशी समाज की प्रेरणा

डीएम हो तो ऐसी: संवेदना की मिसाल बनी जिलाधिकारी, सबसे उपेक्षित बच्चों की सारथी बन उनके हुनर का मनाया उत्सव

जब प्रशासन ने थामा विशेष बच्चों का हाथ, तो समाज ने महसूस किया समावेशन का अर्थ

विशेष बच्चों द्वारा बनाए गए उत्पाद बने आकर्षण का केंद्र, जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों तक सभी ने की खूब खरीददारी

संकेत भाषा में जिलाधिकारी ने जानी बच्चों की भावनाएँ, चेहरे पर लौटी मुस्कान

दिव्यांग बच्चे बने दुकानदार, बागपत की दिवाली बनी संवेदना की मिसाल

बागपत, 09 अक्टूबर 2025: दिवाली से पहले जब पूरा देश रोशनी की तैयारी में है, बागपत ने ‘संवेदना’ का प्रकाश प्रज्वलित कर सम्पूर्ण प्रदेश में एक नई प्रेरणा का संचार किया जिसने परिभाषित किया कि सुगम्य भारत का सपना बच्चों संग होगा साकार। कलेक्ट्रेट परिसर का लोकमंच आज किसी बाज़ार से अधिक, एक जीवंत प्रतीक बन गया — जहाँ प्रशासन ने व्यवस्था नहीं, वात्सल्य दिखाया; जहाँ दिव्यांग बच्चों ने उत्पाद नहीं, आत्मविश्वास बेचा; और जहाँ हर मुस्कान ने बताया कि असली “सुगम भारत” संवेदना से बनता है।

जिलाधिकारी बागपत आईएएस अस्मिता लाल के कुशल नेतृत्व में आयोजित “सुगम संकल्प प्रदर्शनी” समावेशी समाज और संवेदनशील प्रशासन की दिशा में उठाया गया ऐतिहासिक कदम साबित हुई। इसने यह सिद्ध कर दिया कि प्रशासन विशेष बच्चों के अधिकार सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ संकल्पित है। इस उत्सव में आए युवाओं से लेकर महिलाओं एवं बुजुर्गों तक सभी आगंतुकों ने समाज में विशेष सहायता की आवश्यकता वाले सभी बच्चों के प्रति सम्मान और विश्वास की दृष्टि का संकल्प दोहराया।

प्रदर्शनी में गणमान्य अतिथियों के रूप में सांसद डॉ. राजकुमार सांगवान एवं छपरौली विधायक डॉ. अजय कुमार ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए 65 विशेष बच्चों का उत्साहवर्धन किया। बच्चों की रचनात्मकता की सराहना करते हुए कहा कि विशेष बच्चे किसी भी दृष्टि से सामान्य बच्चों से कम नहीं हैं। उनकी प्रतिभा वास्तव में प्रेरणादायक है। जहाँ सामान्य लोग इतनी गहराई और सृजनशीलता नहीं दिखा पाते, वहीं इन विशेष बच्चों ने इस उत्सव के माध्यम से अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया है।

सांसद डॉ. सांगवान ने कहा कि ये बच्चे बागपत का गर्व हैं, और इन्हें आगे बढ़ाने में समाज के प्रत्येक व्यक्ति को सहयोग करना चाहिए। इन बच्चों को सम्मान और विश्वास की दृष्टि से देखना हम सबका नैतिक दायित्व है। विधायक डॉ. अजय कुमार ने कहा कि आज यह उत्सव संवेदनशीलता, विश्वास और समावेशन का सशक्त संदेश लेकर आया है। जिलाधिकारी अस्मिता लाल की इस अनोखी एवं संवेदनशील पहल से बच्चों के चेहरों पर आई मुस्कान और उल्लास देखकर जनप्रतिनिधियों ने भी गहरी प्रशंसा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि बागपत में समावेशी समाज की दिशा में यह कदम एक प्रेरक मिसाल बनकर उभरेगा।

कार्यक्रम का शुभारंभ जिलाधिकारी बागपत आईएएस अस्मिता लाल ने फीता काट कर किया। इस दौरान जिलाधिकारी ने कार्यक्रम स्थल पर स्थापित सभी स्टॉल आदि का भ्रमण किया एवं मुकबधिर, दिव्यांग, दृष्टिबाधित, श्रवण-बाधित विशेष बच्चों से संकेत भाषा में बात कर उनके अनुभव आदि जाने। इस दौरान विभिन्न स्टाल पर जिलाधिकारी को बच्चों द्वारा पुष्पगुच्छ, पेंटिंग, केतली, ग्लास, बैज आदि देकर स्वागत किया जिसे जिलाधिकारी ने स्नेह के साथ अपनाया और बच्चों को प्रोत्साहन दिया।

सुगम्य संकल्प प्रदर्शनी के माध्यम से जिलेभर में यह संदेश दिया कि “सुगम्य भारत” का सपना तभी साकार होगा जब विशेष बच्चों को सम्मान, विश्वास और समान अवसर मिलेंगे। कार्यक्रम की संकल्पना स्वयं जिलाधिकारी अस्मिता लाल के निर्देशन में तैयार की गई जिन्होंने प्रशासनिक दृष्टि से इसे केवल एक प्रदर्शनी नहीं, बल्कि एक “जन-जागरूकता अभियान” का रूप दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि अक्सर समाज में दिव्यांग बच्चों को उनकी सीमाओं के आधार पर देखा जाता है, जबकि वास्तविकता यह है कि उनमें कल्पनाशक्ति, संवेदनशीलता और मेहनत का अद्भुत संगम होता है।

इस दौरान मिनी बाजार के रूप में आयोजित प्रदर्शनी में उपस्थित जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों ने बच्चों से खूब खरीददारी की एवं मौके पर ही उनके साथ संवाद कर उनका हौंसला बढ़ाया और दीपावली को सभी के लिए खुशियों के पर्व के रूप में मनाने का संदेश दिया। इस दौरान प्रत्येक स्टॉल पर खूब समय देते हुए बच्चों एवं उनके साथ आए शिक्षकों आदि से जानकारी प्राप्त की। वहीं मौके पर ही लोकमंच प्रांगण में बालिकाओं द्वारा मेहंदी लगाए जाने का अवलोकन करते हुए बालिकाओं के मनुहार पर जिलाधिकारी ने अपने दोनों हाथ बच्चों के स्नेह में आगे बढ़ा दिया जिस पर बालिकाओं ने सुंदर मेहंदी रचाई। यह क्षण सभी के लिए बेहद मनमोहक बना। कार्यक्रम का सबसे भावुक क्षण तब सामने आया जब कंडेरा विद्यालय से 10 वर्षीय आर्टिस्ट प्रीत ने अपने पैरों से जिलाधिकारी का स्केच बनाकर भेंट किया।

प्रदर्शनी में जिले के बेसिक शिक्षा विभाग के विद्यालय, समर्थ स्पेशल स्कूल, चौधरी चरण सिंह विशेष शिक्षा संस्थान, भागीरथ सेवा संस्थान गाजियाबाद, उड़ान डे केयर सेंटर, आरसेटी बागपत सहित विभिन्न विद्यालयों और संस्थानों से आए विशेष बच्चों एवं युवाओं आदि द्वारा निर्मित उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शित की गई जिसमें 20 से अधिक स्टॉल लगाए गए। किसी ने मिट्टी से सुंदर दीये बनाए, किसी ने रंगीन मोमबत्तियाँ सजाईं, किसी ने पर्यावरण-अनुकूल थैले तैयार किए, तो किसी ने पेंटिंग और क्राफ्ट से अपनी कल्पनाशक्ति का परिचय दिया। प्रत्येक वस्तु बच्चों के आत्मविश्वास की कहानी कह रही थी मानो यह कह रही थी कि “हम किसी से कम नहीं।”

लोकमंच परिसर इन कृतियों से सचमुच रंगों और भावनाओं से जगमगा उठा। लोगों ने प्रदर्शनी के हर स्टॉल पर जाकर न केवल उत्पादों को सराहा, बल्कि बच्चों से संवाद किया, उनके प्रयासों को समझा और उनकी प्रशंसा की। यह दृश्य किसी साधारण बाजार का नहीं, बल्कि एक “सशक्तिकरण मेले” का प्रतीक बना जहाँ खरीदारी संवेदनशीलता से जुड़ी थी क्योंकि हर उत्पाद का उद्देश्य था कि उससे प्राप्त पैसे से बच्चों के लिए बेहतर जीवन सुनिश्चित किया जा सके। प्रदर्शनी के समापन पर जो शेष उत्पाद रहे वह सभी जिला प्रशासन द्वारा विशेष बच्चों की काबिलियत के सम्मान में संयुक्त रूप से खरीदे गए।

प्रदर्शनी में उपस्थित सांसद डॉ. राजकुमार सांगवान ने बच्चों को धनराशि और शैक्षिक सामग्री स्टेशनरी किट आदि देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा बागपत प्रशासन की यह पहल पूरे देश के लिए प्रेरणा है। आज इन बच्चों ने हमें सिखाया है कि किसी भी चुनौती को अवसर में बदला जा सकता है। हमें इनकी क्षमताओं पर गर्व है।

प्रदर्शनी के दौरान बच्चों ने अपनी कलात्मकता के साथ-साथ नाट्य और संगीत के माध्यम से भी समाज को जागरूक किया। ‘हर मन में उजाला, हर दिल में विश्वास’ विषय पर प्रस्तुत नुक्कड़ नाटक ने दर्शकों की आँखें नम कर दीं। बच्चों ने इस नाटक में दिखाया कि समाज की असंवेदनशीलता किस प्रकार उनके आत्मविश्वास को प्रभावित करती है और कैसे थोड़ा-सा सहयोग और सम्मान उनके जीवन को दिशा दे सकता है।

इसके अलावा प्रस्तुत किए गए प्रेरक गीत और संवेदनशील सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने माहौल को भावनाओं से भर दिया।
प्रदर्शनी की सबसे बड़ी सफलता रही जनसहभागिता। शहर के सभी वर्गों जैसे महिलाओं, युवाओं, विद्यार्थियों, बुजुर्गों और व्यापारियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

लोगों ने बच्चों से उत्पाद खरीदे, उनके साथ फोटो खिंचवाए, और “समान अवसर” का समर्थन जताया। लोकमंच पर स्थापित हस्ताक्षर अभियान पर सैकड़ों लोगों ने हस्ताक्षर कर सुगम्य भारत बनाने के लिए प्रतिबद्धता जताई। वहीं कार्यक्रम में माय भारत यूथ क्लबों के स्वयंसेवकों ने भी सहभागिता कर मुकबधिर बच्चों से बात कर उनका उत्साह बढ़ाया। बागपत प्रशासन ने कार्यक्रम में भाग लेने वाले 65 बच्चों के साथ-साथ उनके अभिभावकों और शिक्षकों को भी सम्मानित किया।

इस आयोजन का सबसे गहरा संदेश यह रहा कि समावेशन केवल नीतिगत शब्द नहीं, बल्कि समाज के हर स्तर पर व्यवहार का हिस्सा बनना चाहिए। जिलाधिकारी अस्मिता लाल ने कहा कि आने वाले समय में बागपत प्रशासन सभी सार्वजनिक भवनों में सुगम्य सुविधाएँ, स्कूलों में समावेशी शिक्षा व्यवस्था, और रोज़गारोन्मुखी प्रशिक्षण कार्यक्रम को प्राथमिकता देगा, ताकि दिव्यांगजन किसी भी क्षेत्र में पीछे न रहें। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह मुहिम एक निरंतर सामाजिक परिवर्तन की शुरुआत” है।

जिलाधिकारी अस्मिता लाल ने कहा कि हम सभी को संवेदनशीलता को अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में शामिल करना होगा। चाहे स्कूल में शिक्षक हों, बस में यात्री हों, या दफ्तर में सहकर्मी — हर किसी को ‘सुगम भारत’ के विचार को जीना होगा। क्योंकि विशेष सहायता की आवश्यकता वाले लोग हर कहीं है और उनको सम्मान की दृष्टि दे देखा जाना बेहद आवश्यक है। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी वित्त/राजस्व पंकज वर्मा, अपर पुलिस अधीक्षक ,समस्त एसडीएम जिला विकास अधिकारी राहुल वर्मा,समर्थ स्पेशल स्कूल संचालक डॉ दिव्या उज्जवल ,चौधरी चरण सिंह इंस्टिट्यूट संचालक डॉक्टर संजीव आर्य ,ईओ बागपत के के भड़ाना, सहित आदि अधिकारी मौजूद रहे और सभी ने सुगम संकल्प मेले में दिव्यांग बच्चों द्वारा बनाए गए उपकरणों को उत्साह के साथ खरीदा ।

सूचना विभाग बागपत

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