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गूगल से प्रेरित ‘हॉबी पीरियड’ से पिलाना का स्कूल बना खुशियों का कैंपस

शिक्षा में इनोवेशन: आठवें पीरियड से बच्चों का तनाव हुआ गायब, चेहरे पर लौटी मुस्कान

बागपत का यह स्कूल बढ़ा रहा बच्चों का ‘हैप्पीनेस इंडेक्स’, पढ़ाई के साथ क्रिएटिविटी का संगम

बागपत दिनांक 28 सितंबर 2025 — जनपद के श्री नेहरू इंटर कॉलेज, पिलाना ने शिक्षा के पारंपरिक ढाँचे से आगे बढ़कर एक ऐसी पहल शुरू की है, जो न केवल विद्यार्थियों की रचनात्मकता को पंख दे रही है, बल्कि उनके जीवन में नई ऊर्जा और आत्मविश्वास भी भर रही है। सत्र 2024-25 से कॉलेज ने अपनी समय सारिणी में आठवाँ पीरियड “हॉबी पीरियड” के रूप में जोड़ा है।

इस अनूठे प्रयोग की प्रेरणा गूगल कंपनी के 20 प्रतिशत टाइम मॉडल से ली गई है, जहाँ कर्मचारियों को सप्ताह का कुछ समय अपनी पसंद के रचनात्मक कार्यों पर लगाने का अवसर मिलता है। ठीक उसी तरह, प्रधानाचार्य डॉ. सत्यवीर सिंह ने विद्यार्थियों के लिए यह अवसर उपलब्ध कराया है, ताकि शिक्षा किताबों और अंकों से आगे बढ़कर उनके जीवन का सर्वांगीण विकास कर सके।

हर दिन अंतिम पीरियड में कॉलेज का वातावरण बदल जाता है। कोई छात्र खेल के मैदान में दौड़ते हुए अपनी ऊर्जा बाहर निकालता है तो कोई मंच पर गाकर सुरों का जादू बिखेरता है। कोई पेंटिंग और शिल्पकला में रंग भरता है, तो कोई कविता और कहानियों के ज़रिए अपनी कल्पना को आकार देता है। इस दौरान अध्यापक भी बच्चों के साथ रहते हैं और उन्हें प्रोत्साहित करते हैं, जिससे विद्यार्थी खुलकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर पाते हैं।

विद्यार्थियों का कहना है कि यह “हॉबी पीरियड” पढ़ाई और परीक्षा के दबाव से राहत देता है। वे अब अधिक खुश, सक्रिय और आत्मविश्वासी महसूस करते हैं। अध्यापक भी इस दौरान बच्चों की छिपी हुई क्षमताओं को पहचानकर उन्हें आगे बढ़ाने का मार्ग दिखा रहे हैं।

प्रधानाचार्य डॉ. सत्यवीर सिंह का मानना है कि यह पहल विद्यार्थियों की अभिव्यक्ति क्षमता, टीम भावना और आत्मविश्वास को मज़बूत करेगी। आने वाले समय में कॉलेज प्रबंधन इस मॉडल को और सशक्त बनाकर बच्चों को जिला और राज्य स्तर के मंचों पर भी अवसर देने की योजना बना रहा है।

अभिभावकों और प्रबंधन समिति ने भी इस कदम की सराहना की है। उनका कहना है कि यह प्रयोग बच्चों के तनाव को कम करने और शिक्षा को अधिक रोचक बनाने में एक मील का पत्थर साबित होगा।

निस्संदेह, श्री नेहरू इंटर कॉलेज, पिलाना की यह पहल शिक्षा जगत के लिए एक प्रेरक उदाहरण है। यदि अन्य विद्यालय भी इसे अपनाएँ, तो शिक्षा का वातावरण और अधिक जीवंत, सार्थक और विद्यार्थियों के लिए आनंददायक बन सकता है।

वहीं फिनलैंड के हंड्रेड संस्थान के नवाचार विशेषज्ञ अमन कुमार ने बताया कि संस्थान की इस पहल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हंड्रेड के नवाचारों की सूची में स्थान मिलने की संभावना है जिसके लिए संस्थान की इस समुचित गतिविधि का संकलन कर ऑनलाइन नॉमिनेशन भेजा जाएगा।

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