बड़ौत, 01 सितंबर 2024 — आज के समय में, उच्च शिक्षा केवल डिग्री प्राप्त करने तक सीमित नहीं रह गई है। यह युवाओं के लिए समाज में वास्तविक परिवर्तन लाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बन गई है। दुनिया भर में विभिन्न विश्वविद्यालय और शैक्षणिक संस्थान ऐसे कार्यक्रम चला रहे हैं, जो छात्रों को सामाजिक और पर्यावरणीय मुद्दों पर जागरूकता फैलाने और बदलाव लाने के लिए प्रेरित करते हैं। ऐसे ही एक कार्यक्रम का हिस्सा रहे अमन कुमार, जो इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) से समाज कार्य में स्नातक की पढ़ाई कर रहे हैं, को यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड द्वारा “नेचर पॉजिटिव यूनिवर्सिटीज एलायंस” प्रोजेक्ट में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया है।
नेचर पॉजिटिव यूनिवर्सिटीज एलायंस: एक परिचय
नेचर पॉजिटिव यूनिवर्सिटीज एलायंस एक वैश्विक पहल है, जिसे यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड ने जैव विविधता संरक्षण के उद्देश्य से शुरू किया है। इसका उद्देश्य दुनिया भर के विश्वविद्यालयों को प्रेरित करना है ताकि वे अपने परिसरों को प्रकृति के लिए सकारात्मक (नेचर पॉजिटिव) बनाने की दिशा में कार्य करें। यह पहल इस तथ्य पर आधारित है कि शिक्षा के माध्यम से समाज में जागरूकता और परिवर्तन लाया जा सकता है। इस एलायंस के तहत, विश्वविद्यालयों और उनके छात्रों को विभिन्न गतिविधियों में भाग लेने और अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, जो न केवल जैव विविधता संरक्षण में योगदान देती हैं, बल्कि छात्रों को इस दिशा में नेतृत्व करने का भी मौका देती हैं।
अमन कुमार की यात्रा: प्रेरणा का स्रोत
अमन कुमार, जो बागपत जिले के ट्यौढी गांव के निवासी हैं, पिछले वर्ष अक्टूबर में इस एलायंस का हिस्सा बने। समाज कार्य के छात्र होने के नाते, अमन ने पर्यावरण और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए इस कार्यक्रम में भाग लिया। “नेचर पॉजिटिव यूनिवर्सिटीज” के स्टूडेंट एंबेसडर के रूप में, उन्होंने न केवल इग्नू के मिशन लाइफ गतिविधियों में भाग लिया, बल्कि अपने गांव में “उड़ान यूथ क्लब” के माध्यम से भी पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए नदियों को पत्र लेखन अभियान और डियर मदर नेचर पोस्टकार्ड लेखन अभियान जैसे कार्यक्रम आयोजित किए। इन अभियानों का उद्देश्य स्थानीय समुदाय में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाना और लोगों को प्रकृति के संरक्षण के प्रति प्रेरित करना था।
उच्च शिक्षा और युवा नेतृत्व: बदलाव की दिशा में कदम
अमन कुमार का यह सफर हमें यह संदेश देता है कि उच्च शिक्षा में केवल अकादमिक ज्ञान ही महत्वपूर्ण नहीं होता, बल्कि यह भी आवश्यक है कि हम उस ज्ञान का उपयोग समाज और पर्यावरण के भले के लिए करें। आज के समय में, विश्वविद्यालय और अन्य शैक्षणिक संस्थान छात्रों को ऐसे कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं, जो उन्हें नेतृत्व कौशल, समाज में जागरूकता फैलाने और वास्तविक परिवर्तन लाने में मदद करते हैं।
उच्च शिक्षा के माध्यम से युवा न केवल अपने कैरियर को संवार सकते हैं, बल्कि वे समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के भी महत्वपूर्ण साधन बन सकते हैं। कैंपस एंबेसडर प्रोग्राम, फेलोशिप, अनुभवात्मक शिक्षण कार्यक्रम, और इंटर्नशिप जैसी पहलें युवाओं को वास्तविक जीवन की चुनौतियों से रूबरू कराती हैं और उन्हें समाज के लिए कार्य करने के लिए प्रेरित करती हैं।
भविष्य की राह: प्रकृति के साथ सकारात्मक संबंध
नेचर पॉजिटिव यूनिवर्सिटीज जैसे कार्यक्रमों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भविष्य में विश्वविद्यालय केवल शिक्षण संस्थान ही नहीं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभाने वाले केंद्र भी बनें। इस दिशा में अमन कुमार का योगदान न केवल उनके व्यक्तिगत विकास के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह उनके जैसे अन्य युवाओं के लिए भी प्रेरणास्रोत है, जो समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के इच्छुक हैं।
युवाओं के लिए यह समझना जरूरी है कि वे उच्च शिक्षा के दौरान जिस भी कार्यक्रम का हिस्सा बनते हैं, वह न केवल उनके कैरियर के लिए बल्कि समाज और पर्यावरण के भविष्य के लिए भी महत्वपूर्ण है। अमन की यह यात्रा इस बात का प्रमाण है कि यदि युवा अपनी शिक्षा का सही उपयोग करें और अपने कार्यों के माध्यम से समाज में जागरूकता फैलाएं, तो वे वास्तव में दुनिया को बेहतर बना सकते हैं।