बंटी बबली देश चला रहे!
झूठी डिग्री हमें दिखा रहे!
हिंदू-मुस्लिम रोज करा रहे !
मानव से मानव को लड़ा रहे!
सत्ता में बैठे रहने को हमसे!
राम नाम का पाठ पढ़ा रहे!!
झूटा इनका धर्म अनुकरण!
सत्ता के खातिर हमें लड़ा रहे!
झूटा इनका ये राष्ट्रवाद है!
राष्ट्र नाम से मलाई खा रहे!
जनता आती है बहकावे में!
ज़िसका ये हैं लाभ उठा रहे!
जब से आये हैं ये सत्ता में!
रोज-रोज ये हमें डरा रहे!
कभी हिन्दू कभी मुस्लिम!
कभी ये हमसे दलित लड़ा रहे!
हिन्दू खतरे में बोल के हमसे!
अपनी रोजी ये खूब चला रहे!
!!आशू !!