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दाहा। बागपत के प्राइवेट एक अस्पताल में हुई गर्भवती पत्नि की मौत की शिकायत पर पुलिस ने संज्ञान लिया है। सीओं बड़ौत ने पीड़ित के प्रार्थना प़त्र पर जांच के निर्देश देते हुए रिपोर्ट मांगी है।

जनपद बागपत के मौजिजाबाद नांगल गांव निवासी प्रदीप ने शिकायती पत्र देते हुए कहा है कि उसकी गर्भवति पत्नि को को उसने बड़ौत के छपरौली रोड़ स्थित सरस्वती अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां डॉक्टर ने खून कमी बताई। जिस पर गाजियाबद के ब्ल्ड बैंक से खून मंगाया। डाक्टरों के द्वारा खून चढाते ही उसकी पत्नि की हालत खराब हो गयी। डाक्टरों ने उसको दूसरे अस्पताल में ले जाने को बोलकर उसकी पत्नि को अस्पताल से बाहर निकाल दिया। जिसके चलते उसकी पत्नि की मौत हो गयी। पीड़ित ने इसकी शिकायत बड़ौत पुलिस से की तो उसकी पत्नि का पोस्टमार्टम कराया गया। आरोप है कि घटना दिसंबर 2019 की है, मामले को तीन वर्ष बीत गये है लेकिन पुलिस ने आज तक उसकी शिकायत पर न तो कोई कारवाई की और न ही उसकी पत्नि की पोस्टमार्टम रिपोर्ट उसको दी गयी है। पीड़ित ने एक बार फिर बड़ौत सीओं को मामले की शिकायत देते हुए न्याय मांगा है। सीओं बड़ौत ने मामले की जांच के निर्देश दिये है। वही बड़ौत थाना प्रभारी का कहना है कि मामला पुराना है। अस्पताल से रिकार्ड लेकर पीड़ित को पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी दी जायेगी और कानूनी कारावाई भी होगी।

अधिकारियों को क्या कोई फरियादी धक्के खाए या ना खाए उन्हें तो टाइम गवाना है जिससे कि फरियादी थक हार कर आखिर दम तोड़ दे और आवाज तक न बुलंद कर सके यह शख्स अभी भी धक्के ही खा रहा है फोटो पुरानी है लेकिन सच्ची कहानी है नहीं कोई सुनने वाला योगी मोदी है तो नामुमकिन भी मुमकिन है

क्या योगी मोदी राज में आप गरीबों के लिए हक इंसाफ की बात सोच भी सकते हैं शायद अमीरों के लिए हां लेकिन गरीबों के लिए सिर्फ ना

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