एप्पल द्वारा iPhone 17 सीरीज़ की असेंबली भारत में कराने की तैयारी से देश के युवाओं के लिए रोज़गार, स्किल डेवलपमेंट और हाई-वैल्यू मैन्युफैक्चरिंग में व्यापक अवसर खुलने वाले हैं। यह कदम “चाइना+1” रणनीति के तहत सप्लाई चेन विविधीकरण के साथ मेक-इन-इंडिया और इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोर्ट को नई गति देगा।
युवाओं को क्या-क्या फायदे होंगे
- नई नौकरियां: असेंबली, क्वालिटी कंट्रोल, टेस्टिंग, वेयरहाउसिंग, लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन मैनेजमेंट में हजारों प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष पद खुलेंगे।
- स्किल डेवलपमेंट: प्रिसिजन मैन्युफैक्चरिंग, SMT लाइन्स, ऑटोमेशन, रोबोटिक्स, क्लीनरूम प्रक्रियाओं और ESD-सुरक्षित ऑपरेशंस में प्रशिक्षण मिलेगा।
- करियर ग्रोथ: ग्लोबल स्टैंडर्ड्स के साथ काम करने से युवाओं को अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता प्रक्रियाओं, सुरक्षा मानकों और उन्नत टूल्स का अनुभव मिलेगा।
- स्टार्टअप अवसर: लोकल वेंडर्स और MSMEs के लिए कंपोनेंट्स, पैकेजिंग, टेस्ट-फिक्स्चर्स, इंडस्ट्रियल IoT, मेंटेनेंस और सॉफ्टवेयर ऑटोमेशन समाधानों में नए मौके बनेंगे।
- महिलाओं की भागीदारी: इलेक्ट्रॉनिक्स असेंबली में बड़े पैमाने पर महिला रोजगार बढ़ने की संभावना, सुरक्षित शिफ्ट्स और ट्रांसपोर्ट सहित।
किन राज्यों के युवाओं को अधिक फायदा
- तमिलनाडु: चेन्नई-श्रीपेरंबुदूर-बंगारू क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर और सप्लाई चेन मजबूत है—यहाँ बड़े पैमाने पर भर्ती की उम्मीद।
- कर्नाटक: बेंगलुरु और आसपास के औद्योगिक कॉरिडोर में हाई-टेक असेंबली, R&D सपोर्ट और लॉजिस्टिक्स में अवसर।
- महाराष्ट्र: पुणे-तालेगांव-नाशिक बेल्ट में सप्लाई चेन, वेयरहाउसिंग और एक्सपोर्ट-लिंक्ड जॉब्स की संभावनाएं।
- तेलंगाना: हैदराबाद और आसपास के क्लस्टर्स में इलेक्ट्रॉनिक्स, टेस्टिंग और सप्लाई चेन सेवाओं में अवसर।
- उत्तर प्रदेश: नोएडा-ग्रेटर नोएडा में ईएमएस इकोसिस्टम मजबूत, सप्लाई चेन, पैकेजिंग और डिस्ट्रीब्यूशन रोल्स बढ़ सकते हैं।
- गुजरात: धोलERA/साणंद जैसे औद्योगिक क्षेत्रों का विस्तार होने पर कंपोनेंट और लॉजिस्टिक्स निवेश आकर्षित हो सकता है।
नोट: एप्पल आमतौर पर कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स (जैसे Foxconn, Tata आदि) के साथ विभिन्न राज्यों में काम करता है; अंतिम वितरण अक्सर बहु-फैक्ट्री मॉडल से होता है, जिससे अलग-अलग राज्यों में रोजगार और सप्लाई चेन का लाभ फैलता है।
कौशल और शिक्षा की तैयारी कैसे करें
- इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग (EMS) कोर्स, डिप्लोमा/ITI (इलेक्ट्रॉनिक्स, मेकाट्रॉनिक्स, इंस्ट्रूमेंटेशन)
- SMT लाइन ऑपरेशन, AOI/X-Ray टेस्ट, ESD सेफ्टी, 5S/Lean, Six Sigma बेसिक्स
- इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन (PLC/SCADA), रोबोटिक्स हैंडलिंग, मेंटेनेंस
- सॉफ्ट स्किल्स: शिफ्ट वर्क, टीमवर्क, SOP फॉलो-थ्रू, बेसिक इंग्लिश/आईटी स्किल्स
अर्थव्यवस्था और इकोसिस्टम पर असर
- हाई-वैल्यू एक्सपोर्ट बढ़ने से इलेक्ट्रॉनिक्स ट्रेड डेफिसिट में सुधार और वैल्यू एडिशन में बढ़ोतरी।
- लोकल कंपोनेंट वैल्यू-चेन—बैटरी, कनेक्टर्स, केबलिंग, मैकेनिकल्स, पैकेजिंग—में निवेश और जॉब्स।
- सर्विस व रिपेयर नेटवर्क मजबूत होने से स्पेयर पार्ट्स और आफ्टर-सेल्स करियर भी बढ़ेंगे।
कुल मिलाकर, iPhone 17 की भारत में असेंबली युवाओं के लिए सिर्फ नौकरी नहीं बल्कि भविष्य के हाई-टेक करियर, स्किल अपग्रेड और स्टार्टअप अवसरों का दरवाज़ा खोलती है—और कई राज्यों में इसका लाभ समानांतर तौर पर फैलने की संभावना है।