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12 जनवरी 2025 Stitching युवा दिवस
( स्वामी विवेकानंद जयंती )
के शुभ अवसर पर लोक साहित्य संस्कृति और हिंदी साहित्य भारती के तत्वावधान में संयुक्त रूप से पट्टी रामपुर खेकड़ा बागपत लोक साहित्य संस्कृति के अध्यक्ष श्री गजेंद्र कौशिक गजानन जी के निज आवास पर स्वामी विवेकानंद जी को उनके जन्मदिन पर याद किया गया एवं उनके जन्म दिवस को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर विभिन्न कवियों ने अपनी सुंदर रचनाएं प्रस्तुत करते हुए विवेकानंद जी का नमन किया। कार्यक्रम के अध्यक्षता सेवानिवृत्ति प्रधानाचार्य श्री डॉक्टर साहब सिंहने की। श्री अजय वीर यादव महासचिव दिल्ली शिक्षक संघ मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई और उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा युवाओं की भाषा और व्यवहार ही उनकी पहचान है। विशिष्ट अतिथि श्री बाबूराम शर्मा नहीं युवाओं को सशक्त और संगठित बनने की प्रेरणा दी वहीं पर विशिष्ट अतिथि श्री रविंद्र सक्सेना जी ने शिक्षा संस्कार और संस्कृति पर ध्यान देने की विशेष बात कही। श्री रमेश चंद्र जी ने युवा श्री स्पर्श त्यागी को प्रतीक चिन्ह देखकर सम्मानित किया श्री गजेंद्र कौशिक गजानन जी ने कहा – उठो धरा के अमर सपूतो एक नया इतिहास रचाए।
रहे हम धरा पर शीश गगन से छू जाए
एकता और अनुशासन अपनाएं
और विवेकानंद सा व्यक्तित्व बनाएं।
कार्यक्रम का संचालन कश्यप राजेश राज ने किया
और अपनी कविता के लाइन के माध्यम से कहा
कसौटी से सदा युवजन बहकना बंद होता है।
बड़ों के अनुकरण से
जिंदगी में आनंद होता है।
संयम से भरे जीवन का हरदम मान होता है,
हिन्द के हर युवा का दिल में विवेकानंद होता है-कवि कश्यप राजेश राज
जीवन मरण सामान यहां पर
कौन आदि है कौन अंत है
कौन है दुर्जन कौन संत है
निर्णय इसका बहुत कठिन है – कवि श्री नागेंद्र द्विवेदी जी
भगवान का दिया हुआ कभी अल्प नहीं होता
जो टूट जाए बीच में वह संकल्प नहीं होता
परिश्रम से ही मिलती है विजय
उसका कोई विकल्प नहीं होता-श्री शालिवाहन
नवयुग की युवा शक्ति भर ले मन में उमंग
चहुं ओर फैले सकारात्मक की तरंग।
अंधकार मिट जाए और रोशन हो अत्यर्थ.
यह है स्वामी विवेकानंद होने का अर्थ।-कवयित्री श्रीमती पारूल चौधरी
सभी तब अपने लव खोलें
एक साथ सब मिलकर बोले
आनंद आनंद परमानन्द
जय जय श्री विवेकानंद
कवि श्री अनिल धीमान
नमन करें ऐसी सपूत को.
जो भारत में जन्मे है।
भारत का परचम लहराया
विश्व पटल और नभ में।
कवि श्री विद्यासागर मौर्य
जो साहिल बनाये थे उसूलों के
वो साहिल ना रहे
और औलाद को बनाया इतना काबिल,
कि हम औलाद के काबिल ना रहे–कवि श्री अनोखा जी
कर्मों से आनंदित जिनके।
अखिल विश्व के संत हुए ऐसे थे पुण्य आत्मा नाम विवेकानंद हुए – श्री तेजपाल धामा
इस मौके पर छात्र सूर्यांश अंकित और युग एवं अन्य छात्रों ने बढ-चढ़कर भाग लिया
सूचना प्रदाता श्री गजेंद्र कौशिक गजानन एवं कश्यप राजेश राज

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